फतेहाबाद में हर साल बढ़ रहे टीबी के मरीज, इस साल 40 तोड़ चुके दम, जागरुकता अभियान शुरू
फतेहाबाद जिले में मरीजों की संख्या तो बढ़ी है लेकिन मरने वालों का ग्राफ कम है। पहले अस्पताल में अपनी जांच करवाने के लिए लोग नहीं आते थे लेकिन अब तो हर दिन कम से कम 50 से 60 लोग अपनी जांच करवा रहे है।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : जिलावासी जागरूक होने के बाद अब लोग टीबी की जांच करवाने के लिए आगे आ रहे है। यहीं कारण है कि मरीज भी बढ़ने शुरू हो गए है। लेकिन पहले की अपेक्षा अब मरने वालों का आंकड़ा घटा है। इसका मुख्य कारण लोगों को जागरूक करना भी रहा है। प्रदेश सरकार के आदेश के बाद जिला स्तर पर टीबी बीमारी की रोकथाम के लिए टीम का गठन किया गया है। इसके लिए डाक्टरों की टीम भी नियुक्त कर रखी है। इसी का परिणाम है कि आज जिले में धीरे-धीरे टीबी के मरीज ठीक हो रहे है। मरीजों की संख्या तो बढ़ी है लेकिन मरने वालों का ग्राफ कम है। पहले अस्पताल में अपनी जांच करवाने के लिए लोग नहीं आते थे, लेकिन अब तो हर दिन कम से कम 50 से 60 लोग अपनी जांच करवा रहे है। वहीं टीम डोर-टू-डोर जाकर सर्वे भी कर रही है।
कालेजों में चलाया गया जागरूकता अभियान
निक्षय दिवस पर सोमवार को जिला में स्थानीय मनोहर मेमोरियल स्नातकोत्तर महाविद्यालय में राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यार्थियों व शिक्षकों को टीबी की बीमारी के बारे में जागरूक किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य गुरुचरण दास ने की। जिला टीबी अधिकारी डा. हनुमान सिंह ने कहा कि टीबी कार्यक्रम को जन आंदोलन कार्यक्रम में परिवर्तित करने की इस मुहिम में घर-घर तक टीबी की बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए विद्यार्थियों को माध्यम बनाया गया। इस दौरान वहां उपस्थित विद्यार्थियों, शिक्षकों व गैर शिक्षण कर्मचारियों को टीबी के लक्षण, कारण, बचाव व उपचार के बारे में बताया गया। किसी व्यक्ति को टीबी के कोई भी लक्षण है तो तुरंत स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जांच करवाएं। यदि जांच में टीबी पाई जाती है तो तुरंत टीबी का ईलाज शुरू करना चाहिए। टीबी का इलाज सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त उपलब्ध है।
टीबी के लक्षण
दो सप्ताह से ज्यादा खांसी या खांसी में बलगम या बलगम में खून आना।
-लगातार वजन कम होना।
-भूख न लगना।
-दोपहर बाद बुखार आना।
-रात को पसीना आना।
टीबी से सावधानियां
जिस किसी भी व्यक्ति को टीबी हो गई है तो उसे घबराने की कोई जरूरत नहीं है। टीबी का पूर्णतया इलाज है। मरीज को चाहिए कि वह डाक्टर की सलाहनुसार उपचार लेना चाहिए। टीबी खांसने और छींकने से फैलती है, इसलिए टीबी मरीज को इधर-उधर खुले में नहीं थूकना चाहिए। खांसते या छींकते समय मुंह पर कपड़ा लगाना चाहिए। भीड़ वाली जगह पर जाने से बचना चाहिए।
निक्षय पोषण योजना के तहत मिल रहे 500 रुपये
टीबी का इलाज ले रहे हैं उनको सरकार की तरफ से निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये प्रति माह पोषण भता दिया जाता है। पोषण योजना का लाभ लेने के लिए टीबी के मरीज को स्वास्थ्य संस्था में अपना आधार कार्ड व बैंक खाते की फोटोकापी जमा करवानी अनिवार्य है। यदि कोई मरीज प्राइवेट अस्पताल से टीबी का इलाज ले रहा है तो उसे भी सरकार द्वारा दी जाने वाली निक्षय पोषण योजना का लाभ मिलेगा।
अब जाने पिछले कई साालों में मिले डीबी मरीजों की संख्या
वर्ष मरीज मौत
2017 1347 65
2018 2034 140
2019 2429 220
2020 2096 140
2021 1981 40
--------
जिले में टीबी से मरने वालों की संख्या लगातार कम हो रही है। इसका मुख्य कारण जागरूकता है। पहले इलाज के अभाव में लोग दम तोड़ देते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं है। कालेजों व स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। आगामी दिनों में गांव स्तर पर कार्यक्रम होंगे। लोगों से अपील है कि टीबी के लक्षण दिखे तो अपना इलाज अवश्य करवाए।
डा. हनुमान सिंह, जिला टीबी अधिकारी फतेहाबाद।