सुरेश चौधरी पर नशीली दवाइयां बिकवाने के आरोप लगा पीएम, सीएम को भेजी शिकायत, नहीं हुई कार्रवाई

रिश्वत मामले में फरार चल रहे जिला ड्रग कंट्रोल अधिकारी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 07:17 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 07:17 AM (IST)
सुरेश चौधरी पर नशीली दवाइयां बिकवाने के आरोप लगा पीएम, सीएम को भेजी शिकायत, नहीं हुई कार्रवाई
सुरेश चौधरी पर नशीली दवाइयां बिकवाने के आरोप लगा पीएम, सीएम को भेजी शिकायत, नहीं हुई कार्रवाई

रिश्वत प्रकरण

जागरण संवाददाता, हिसार: रिश्वत मामले में फरार चल रहे जिला ड्रग कंट्रोल अधिकारी पर वर्ष 2018 में नशीली दवाइयां बिकवाने के आरोप लग चुके है। मामले में उस दौरान हिसार के सूर्य नगर निवाी जसवंत ने उपायुक्त सहित प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, गर्वनर, स्वास्थ्य मंत्री, एफीड ए के कमिश्नर, मुख्य सचिव हरियाणा, मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन, एफडीए डायरेक्टर शिकायत दी गई थी। लेकिन इसके बावजूद उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी बात से पता लगता कि रिश्वत मामले में फंसे सुरेश चौधरी के भ्रष्टाचार की जड़े दूर तक फैली है। उस दौरान जसवंत ने उपरोक्त लोगों को भेजी शिकायत में लिखा था कि ड्रग कंट्रोलर सुरेश चौधरी और एक सीनियर अधिकारी ने अपने एरिया के अनुसार दलाल छोड़े हुए है। वे दुकानदारों से एक से पांच तारीख तक मंथली वसूल करते है। दुकानदारों से गलत और नशे की दवाइयां बेचने की अनुमति देते है। जिले मे 18 से 25 वर्ष की आयु के युवा जो नशे के बिना 10 मिनट भी नहीं रह सकते और पैसे के लिए चोरी करते है। इन युवाओं के लिए नशीली और अन्य प्रतिबंधित दवाइयां शहर के मेडिकलों पर खुले आम उपलब्ध हो रही है। शिकायतकर्ता ने शिकायत में लिखा कि वह इस बारे में करीब 25 शिकायतें दे चुका है। लेकिन आज तक किसी भी दुकानदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हई। आरोप था कि उपरोक्त अधिकारी दुकानदारों से रिश्वत लेते है। इधर मामले में जवाब दो हिसार दो के अध्यक्ष राजीव सरदाना ने आरोप लगाया कि करोड़ो रुपये की रिश्वत और नशीली दवाइयां बिकवाने वाले सुरेश चौधरी पर जांच अधिकारी और प्रशासन मंत्री कार्रवाई करने की बजाय बचाने में लगे हुए है। जांच अभेजीधिकारी तो शिकायत कर्ता की पैरवी की बजाय उससे आरोपित जैसा व्यवहार कर रहे है। आरोप है कि भ्रष्टाचार के चलते सुरेश चौधरी की जांच में देरी की जा रही है। सरकार से अनुमति ना लेना, उचित धारा ना लगाना, शिकायतकर्ता को जांच और लुकआउट के संबंध में गुमराह किया जा रहा है। इस पर विभागीय कार्रवाई एवं कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।

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