सुलखनी की सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि जलमग्र

तीन गांवों की पौने पांच करोड़ की लागत से आधी अधूरी ड्रेन का कार्य होने से फसलें हुई जलमग्न।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 07:57 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 07:57 AM (IST)
सुलखनी की सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि जलमग्र
सुलखनी की सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि जलमग्र

संवाद सहयोगी, बरवाला : तीन गांवों की पौने पांच करोड़ की लागत से आधी अधूरी ड्रेन का कार्य करने वाले ठेकेदार की लापरवाही के कारण सुलखनी की सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि जलमग्र हो गई वही गांव के खेल स्टेडियम तथा जलघर में भी पानी दाखिल हो गया। गांव में बाढ़ जैसे हालात भी उत्पन्न हो गए। ग्रामीणों के अनुसार ड्रेन का कार्य यदि समय पर हो जाता तो बाढ़ जैसे हालात नहीं होते। चार दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक राजली और सुलखनी में पानी की निकासी नही हो पाई है। शनिवार की आधी रात तक सिचाई विभाग के एक्सियन रमेश चन्द्र और कनिष्ठ अभियंता सुनील कुमार ने पानी निकासी को लेकर रात डेढ़ बजे बिजली की मोटर लगाकर ड्रेन से पानी निकासी के कार्य को शुरू करवाया। इसके बावजूद भी रविवार सुबह गांव के खेल स्टेडियम व जल घर में बरसाती पानी दाखिल हो गया। ग्रामीण स्वयं मिट्टी मिट्टी की ट्राली मंगवा कर जल घर में बरसाती पानी को रोकने के लिए मिट्टी का बांध बनाकर पानी को रोकते हुए नजर आए। बरवाला के विधायक जोगीराम सिहाग ने रविवार को प्रशासनिक अधिकारियों के साथ क्षेत्र गांव सुलखनी व राजली का दौरा किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ड्रेन के कार्य में लापरवाही बरतने वाले ठेकेदार के खिलाफ एक्शन लिया जाए। उन्होंने कहा कि ठेकेदार की गलती के कारण सुलखनी गांव में हालात खराब हो गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आगे से ऐसे ठेकेदार को टेंडर न दिया जाए।आधी रात को सिचाई विभाग के एक्सइयन और कनिष्ठ अभियंता ड्रेन से पानी निकासी और मोटर को चलाने के लिए मशक्कत करते नजर आए। लेकिन कामयाबी हासिल नहीं हो सकी। रास्ते में दो जगह पाइप लाइन लीकेज हो गई। सुबह जब एक्सइयन रमेश चन्द्र अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे तो उन्होने हालात देखे तो उन्होने कहा कि ठेकेदार निकम्मा मिल गया इसलिए मुसीबत झेलनी पड़ रही हैं। लंबे समय से गांव में आ रही पानी की समस्या से लोग परेशान -- वही सामाजिक कार्यकर्ता सलीम सुलखनी ने कहा कि लगातार लंबे समय से गांव में आ रही पानी की समस्या से लोग परेशान हैं क्योंकि खेतों का एक साइड का पूरा पानी गांव की आबादी की तरफ हर साल बारिश के मौसम में आ जाता है। पिछले साल जब यही स्थिति हुई थी तो सरकार की तरफ से यह आश्वासन दिया गया था कि राजली, खरकड़ी और सुलखनी की समस्या का समाधान जल्द हो जाएगा लेकिन एक साल बीत जाने के बाद लगभग 1 डेढ़ महीने पहले ड्रेन का काम शुरू हुआ। जब पता था कि बारिश का समय आने वाला है तो इन्होंने पहले ड्रेन का काम शुरू क्यों नहीं करवाया और ड्रेन के लिए कल रात को मोटर लगी है। वही गांव के किसान जसवंत सांगा ने बताया 19 एकड़ जमीन में बोई हुई फसल पूरी तरह से खराब हो गई थी और दूसरी ओर महेंद्र सिंह ने बताया कि 30 के 30 एकड़ जमीन में बिजाई की गई फसल खराब हो गई थी और आज भी समस्या ज्यों की त्यों है।

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