अभी तय नहीं 26 जनवरी की परेड की रणनीति, किसान बोले जल्दबाजी में नहीं लेंगे फैसला

किसान संगठन कह रहे हैं कि राष्ट्रीय परेड प्रभावित करने उनका कोई इरादा नहीं है। मगर किसानों की परेड दिल्ली में कहां पर होगी किन रास्तों से किसान दिल्ली में जाएंगे इन सब बिंदुओं पर अभी फैसला किया जाना बाकी है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 11:00 AM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 11:00 AM (IST)
अभी तय नहीं 26 जनवरी की परेड की रणनीति, किसान बोले जल्दबाजी में नहीं लेंगे फैसला
रविवार को किसानों की बैठक हो सकती है, जिसमें फैसला लिया जा सकता है।

हिसार/बहादुरगढ़, जेएनएन। तीन कृषि कानूनों को रद्द करवाने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच किसानों की ओर से 26 जनवरी को दिल्ली में परेड किए जाने को लेकर अभी रणनीति नहीं बनी है। किसान भी इस बारे में कोई जल्दबाजी का फैसला लेने के मूड में नहीं हैं। रविवार को किसानों की बैठक हो सकती है ।

18 जनवरी को महिला किसान दिवस मनाया जाना है और 19 जनवरी को सरकार व किसानों के बीच फिर से वार्ता होगी। ऐसे में किसान अपनी रणनीति मंगलवार के बाद ही सार्वजनिक करेंगे। वहीं, किसानों का कहना है कि 26 जनवरी को होने वाली राष्ट्रीय परेड को प्रभावित करने का उनका इरादा नहीं है।

किसान बोले, राष्ट्रीय परेड को प्रभावित करने का इरादा नहीं

अभी तक आम आदमी के मन में भी यह आशंका थी कि अगर 26 जनवरी को दिल्ली में किसान परेड करेंगे तो राष्ट्रीय परेड को लेकर स्थिति कैसी रहेगी। अब किसान संगठन भी यह कह रहे हैं कि राष्ट्रीय परेड प्रभावित करने उनका कोई इरादा नहीं है। मगर इस दिन किसानों की परेड दिल्ली में कहां पर होगी, किन रास्तों से किसान दिल्ली में जाएंगे इन सब बिंदुओं पर अभी फैसला किया जाना बाकी है।

संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में लिया जाएगा फैसला

सरकार से लगातार बातचीत के बावजूद कोई समाधान न निकलने से किसानों में निराशा भी है। पंजाब की कीर्ति किसान यूनियन के उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह का कहना है कि दिल्ली में परेड कैसे होगी, इस पर संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से बैठक करके फैसला लिया जाएगा। इस फैसले से सभी को अवगत कराया जाएगा। संयुक्त मोर्चा जो फैसला लेगा उसी के मुताबिक किसान आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे। फिलहाल 26 जनवरी तक की गतिविधियां तय की गई है। इससे आगे के कार्यक्रम बाद में घोषित किए जाएंगे। यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक तीनों कानून वापस नहीं लिए जाते। 

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