अजब-गजब : रोहतक में मुर्दे का भी बयान लेकर आ गई पुलिस, कर दिया जांच में शामिल
जांच अधिकारी ने चार्जशीट में उस युवक के भी बयान दर्ज होना दर्शा दिए जिसकी पांच माह पहले ही मौत हो चुकी थी। यह पर्दाफाश उस वक्त हुआ जब आरोपित के अधिवक्ता की तरफ से अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनपाल रमावत की कोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई।
जागरण संवाददाता, रोहतक : स्नेचिंग के मामले में पकड़े गए आरोपित को लेकर पुलिस का बड़ा खेल सामने आया है। शिवाजी कालोनी थाने के एक जांच अधिकारी ने चार्जशीट में उस युवक के भी बयान दर्ज होना दर्शा दिए, जिसकी पांच माह पहले ही मौत हो चुकी थी। यह पर्दाफाश उस वक्त हुआ जब आरोपित के अधिवक्ता की तरफ से अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनपाल रमावत की कोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई। इसमें पुलिस के इस खेल का हवाला देते हुए जमानत की अपील की गई। कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच अधिकारी को जमकर फटकार लगाई। जिसे शाम तक नायब कोर्ट की कस्टडी में बैठाकर रखा गया और कहा कि जांच अधिकारी पर एफआइआर भी होनी चाहिए।
इस तरह समझे मामला
मामले के अनुसार, भगवान कालोनी निवासी करण को नौ नवंबर 2020 को सिटी थाना पुलिस ने पुलिस ने स्नेचिंग के आरोप में गिरफ्तार किया। जांच के बाद शिवाजी कालोनी, सिटी थाना, सिविल लाइन, सदर, अर्बन एस्टेट और आर्य नगर थाना पुलिस ने भी आरोपित को प्रोडक्शन पर लेकर कुल 11 घटना उस पर खोल दी। शिवाजी कालोनी थाना पुलिस ने जून 2020 में हुई मुकदमा नंबर 349 के मामले में भी आरोपित को गिरफ्तार दिखाया। इस मामले में आरोपित पक्ष के अधिवक्ता पंकज बेरी की तरफ से कोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई थी। जिस पर शुक्रवार को कोर्ट में सुनवाई। सुनवाई के दौरान आरोपित पक्ष के अधिवक्ता ने दलील दी कि शिवाजी कालोनी थाने के जांच अधिकारी रहे एएसआइ ने चार्जशीट में आरोपित करण के भाई नितिन के 13 जनवरी 2021 में बयान दर्ज होना दिखाए हैं। जबकि नितिन की 30 जुलाई 2020 को सड़क हादसे में मौत हो चुकी है। मृत युवक के बयान कैसे हो सकते हैं।
इस तरह दिखाया मृत नितिन का बयान
जांच अधिकारी की तरफ से मृतक नितिन का जो बयान चार्जशीट में दर्शाया गया है उसमें लिखा है कि मैं उपरोक्त पते का रहने वाला हूं और आपके साथ इस मुकदमा की जांच में शामिल हो रहा है। मैंने स्पैलेंडर बाइक खरीद रखी है, मेरे भाई करण ने मेरी बाइक पर सवार होकर उक्त वारदात को अंजाम दिया है। मैंने अपना बयान लिखा दिया, सुन लिया जो ठीक है। इस पूरे मामले में अधिवक्ता ने आरोप लगाया है कि आरोपित को सांठगांठ के चलते फंसाया गया है।