Struggle Story: कभी टिफिन लगाना और कपड़े पहनना तक नहीं जानते थे विशेष बच्चे, अब मेडल पर साध रहे निशाना
रोहतक शहर से करीब 10 किमी दूर बहूअकबरपुर गांव के निकट ही संचालित है विशेष गुरुकुल चेरिटेबल ट्रस्ट। यहां 65-70 विशेष बच्चे प्रतिदिन पढ़ने आते हैं। हालांकि नियमित तौर से आने वाले विशेष बच्चों की संख्या 30 से 40 तक ही है।
रोहतक, अरुण शर्मा: यह कहानी विशेष बच्चों के संघर्ष की है। कभी यह स्वयं अपने हाथों से भोजन तक नहीं कर सकते थे। कपड़े पहनने की छोड़िए बटन लगाना इनके लिए कल्पना से परे था। मुश्किल कामों की छोड़िए सरल और सहज कार्य भी इनके जीवन में बाधा खड़ी कर रहे थे आज इन बच्चों के हौसलों के आगे जीवन की बाधाएं धीरे-धीरे रास्ता छोड़ने लगी हैं। अब यही बच्चे अपने दृढ़ संकल्प के दम पर मेडल पर निशाना साध रहे हैं। स्वजनों का भी नाम ऊंचाईयों पर पहुंचा रहे हैं।
ट्रस्ट के तीन बच्चों का राष्ट्रीय विशेष खेलों के लिए हुआ चयन
रोहतक शहर से करीब 10 किमी दूर बहूअकबरपुर गांव के निकट ही संचालित है विशेष गुरुकुल चेरिटेबल ट्रस्ट। यहां 65-70 विशेष बच्चे प्रतिदिन पढ़ने आते हैं। हालांकि नियमित तौर से आने वाले विशेष बच्चों की संख्या 30 से 40 तक ही है। ट्रस्ट के प्रबंध निदेशक सतीश कुमार ने बताया कि ज्यादातर बच्चों का जीवन मुश्किल था। सामान्य जीवन में लौटना इनके लिए चुनौती था। हमारे यहां इन बच्चों को बोलने के साथ ही नियमित जीवन की दिनचर्या से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बातों को सिखाया जाता है। जिससे इनका जीवन सामान्य हो सके। ज्यादातर बच्चे यहां पढ़ने के बाद सामान्य जीवन की तरफ लौटने लगे हैं। उन्हें जीवन में दूसरों पर आश्रित होने के बजाय खुद ही अपने कार्य करने में सक्षम हैं।
अगले साल रूस में होने वाले बच्चे स्पेशल ओलिंपिक में शिरकत करेंगे।
राष्ट्रीय खेलों के लिए तीन बच्चों का हुआ चयन
ट्रस्ट की प्रिंसीपल सुनीता कुमारी कहती हैं कि गुरुग्राम में 22 नवंबर को राज्यस्तरीय साइक्लिंग स्पर्धा का आयोजन हुआ। इसमें रोहतक निवासी प्रवेश, कोमल और रवि का चयन राष्ट्रीय स्पर्धा में हुआ है। मेडल पाने वालों में यश मलिक भी हैं, लेकिन उनका चयन राष्ट्रीय खेलों के लिए नहीं हो सका है। अब 15 से 20 जनवरी 2022 में झारखंड के रांची में होने वाली राष्ट्रीय स्पर्धा में शिरकत करेंगे। इनके अतिरिक्त भी कई बच्चों ने विशेष खेलों में शिरकत की है। उनका परिणाम आना शेष है। इसके बाद यह बच्चे राष्ट्रीय खेलों में शिरकत करेंगे। राष्ट्रीय स्पर्धा में चयनित होने वाले अगले साल रूस में होने वाले बच्चे स्पेशल ओलिंपिक में शिरकत करेंगे।
बच्चों ने अलग-अलग खेल स्पर्धाओं में की शिकरत
आठ से दस बच्चों के खेलों का परिणाम आना शेष
ट्रस्ट के प्रबंधक निदेशक सतीश कुमार ने बताया कि आठ से दस बच्चों ने अलग-अलग खेल स्पर्धाओं में शिकरत की है। इन बच्चों के भी जल्द ही परिणाम घोषित होंगे। यह भी बताया कि साल 2019 में आबूधाबी में आयोजित हुए वल्र्ड गेम में बहूअकबपुर निवासी सोने ने जूडो में गोल्ड जीता था। इस वजह से केंद्र व राज्य सरकार ने सम्मानित किया था। वहीं, अगले साल रूस में आयोजित होने वाले स्पेशल ओलिंपिक के लिए फ्लोरबाल स्पर्धा के लिए ट्रस्ट में पढ़ रहीं मुस्कान का चयन हो चुका है।