मौसम को ध्यान में रखकर करें सरसों की बिजाई

एचएयू वैज्ञानिकों ने किसानों को दी सलाह

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 08:57 AM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 08:57 AM (IST)
मौसम को ध्यान में रखकर करें सरसों की बिजाई
मौसम को ध्यान में रखकर करें सरसों की बिजाई

खेत खलिहान इसे लगाएं::::::::

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- एचएयू वैज्ञानिकों ने किसानों को दी सलाह, उन्नत किस्मों का करें चयन, प्रमाणित बीज का करें प्रयोग

जागरण संवाददाता, हिसार : सरसों रबी में उगाई जाने वाली फसलों में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। हरियाणा में सरसों मुख्य रूप से रेवाड़ी, महेन्द्रगढ़, हिसार, सिरसा, भिवानी व मेवात जिलों में बोई जाती है। किसान सरसों उगाकर कम खर्च में अधिक लाभ कमा रहे हैं। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. रामनिवास ढांडा ने किसानों के लिए सरसों की फसल की बुआई के लिए

सलाह जारी करते हुए कहा है कि किसान बिजाई से पूर्व मौसम के मद्देनजर खेत में नमी का विशेष ध्यान रखें। सरसों की फसल की बुआई का समय 30 सितंबर से 20 अक्टूबर तक होता है, लेकिन बावजूद इसके अगर किसी कारणवश किसान बिजाई नहीं कर पाए तो भी वे 10 नवंबर तक उचित किस्मों के चुनाव के साथ इसकी बिजाई कर सकते हैं। सरसों की पछेती बिजाई के लिए आरएच-9801 व आरएच-30 की बिजाई कर सकते हैं। इसके लिए वैज्ञानिकों द्वारा बताए गए दिशा-निर्देशों की पालना जरूरी है ताकि फसल से अच्छी पैदावार हासिल की जा सके। उन्होंने बताया कि बिजाई के समय खेत अच्छी प्रकार से तैयार करते हुए उचित नमी रखें।

बिजाई से पूर्व बीजोपचार जरूरी

कृषि महाविद्यालय के आनुवांशिकी एवं पौध प्रजन्न विभाग के अध्यक्ष डा. एसके पाहुजा के अनुसार समय पर बिजाई के लिए विश्वविद्यालय द्वारा विकसित उन्नत किस्में आरएच 725, आरएच 0749, आरएच 30 सर्वोत्तम हैं जिसकी सिचित क्षेत्र के लिए 1.5 किलोग्राम बीज प्रति एकड़, बारानी क्षेत्रों के लिए 2 किलोग्राम प्रति एकड़ बीज डालना चाहिए। बिजाई से पूर्व बीज को 2ग्राम कार्बेंडिज्म प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से सूखा उपचार अवश्य करें। पौधे से पौधे की दूरी 10 से 15 सेंटीमीटर व कतार से कतार की दूरी 30 सेंटीमीटर रखें। इसके अलावा उन्नत किस्मों आरएच 725 व आरएच 749 में कतार से कतार की दूरी 45 सेंटीमीटर तक भी रखी जा सकती है। सरसों के वैज्ञानिक डा. रामअवतार ने बताया कि खेत तैयार करते समय 6 टन गोबर की खाद या कम्पोस्ट प्रति एकड़ डालना चाहिए और सिचित क्षेत्रों में 35 किलोग्राम डीएपी व 25 किलोग्राम यूरिया तथा 10 किलोग्राम •िांकसल्फेट या 70 किलोग्राम यूरिया व 75किलोग्राम सिगल सुपरफ़ास्फेट का प्रयोग करना चाहिए। इसमें यूरिया की आधी मात्रा बिजाई के समय व आधी यूरिया पहली सिचाई पर और अन्य खाद बिजाई के समय डालें जबकि बारानी क्षेत्रों में 35 किलोग्राम यूरिया, 75किलोग्राम सिगल सुपरफास्फेट बिजाई के समय डालें।

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