हिसार में ही जल्‍द ही 500 रुपये की टिकट में हेलीकॉप्टर से कर सकेंगे नभ दर्शन

एयर टैक्सी के शुरू होने के बाद एयरपोर्ट पर छोटी उड़ानों को विस्तार दिया जा रहा है। इसी के तहत हेलीकॉप्टर और चॉपर की सुविधाओं को देने वाली कंपनियों से इस संबंध में एयरपोर्ट प्रशासन की वार्ता चल रही है। 500 रुपये में हिसार के पर्यटन स्‍थल दिखाए जा सकेंगे।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 01:54 PM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 01:54 PM (IST)
हिसार में ही जल्‍द ही 500 रुपये की टिकट में हेलीकॉप्टर से कर सकेंगे नभ दर्शन
अनुमान है कि करीब एक महीने में ही हिसार एयरपोर्ट पर हेलीकॉप्‍टर का सफर भी मुहैया होने लगेगा

हिसार, जेएनएन। जल्द ही आसमान से हिसारवासी हिसार की लोकप्रिय जगहों पर दर्शन कर सकेंगे। यहां तक कि सालासर भी दर्शन करने जा सकेंगे। इस नभ दर्शन को हिसार एयरपोर्ट से हेलीकॉप्टर के माध्यम से किया जा सकेगा। पर्यटन के लिहाज से यह सफर इतना सस्ता होगा कि आम के आम गुठलियों के दाम कहावत इस पर सटीक बैठती है। दरअसल एयर टैक्सी के शुरू होने के बाद एयरपोर्ट पर छोटी उड़ानों को विस्तार दिया जा रहा है। इसी के तहत हेलीकॉप्टर और चॉपर की सुविधाओं को देने वाली कंपनियों से इस संबंध में एयरपोर्ट प्रशासन की वार्ता चल रही है। संभव हुआ तो 500 रुपये की टिकट में अग्रोहा मंदिर, राखीगढ़ी में टीले, गुजरी महल, डियर पार्क आदि स्थानों पर भी जा सकेंगे।

कॉमर्शियल टूर भी होगा शुरू

हेलीकॉप्टर की सेवाओं में पर्यटन ही नहीं बल्कि कॉमर्शियल उड़ानें भी आगे चलकर जोड़ी जाएंगी। जिसके तहत कोई भी व्यक्ति हेलीकॉप्टर को बुक करके कहीं भी यात्रा कर सकेगा। हिसार इंडस्ट्रियल हब होने के कारण इस सुविधा के चलने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। इसके साथ ही कुरियर सेवा में तेजी लाने के लिए हिसार एयरपोर्ट आसपास के राज्यों के लिए बड़ा केंद्र बन सकता है। इसको लेकर भी संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है।

हिसार के पर्यटन क्षेत्रों का है विशेष महत्व

राखीगढ़ी साइट

राखीगढ़ हड़प्पा काल की सबसे बड़े आकार की साइट बताई जा रही है। इस साइट पर देश ही नहीं बल्कि विदेश से आने वाले पर्यटकों की भी काफी रुचि है। ऐसे में यहां बन रहा म्यूजियम और उस समय का शहर व रेत के टीले आसमान से देखने पर एक अलग ही अनुभव कराएंगे।

अग्रोहा धाम

ऐसी मान्यता है कि हिसार कभी महाराजा अग्रसेन के राज्य की राजधानी था। अग्रोहा में अग्रोहा धाम इसी याद को समेटे हुए है। यहां माता महालक्ष्मी का धाम, अग्राेहा को खास बनाता है। अग्रोहा धाम में महाराजा अग्रसेन, कुलदेवी महालक्ष्मी, शक्ति शीला माता मंदिर, मां वैष्णो देवी मंदिर, वीणा वंदिनी सरस्वती मंदिर, हनुमान मंदिर, 90 फुट ऊंची भगवान मारूति की प्रतिमा, महाराजा अग्रसेन का प्राचीन मंदिर, भैरो बाबा का मंदिर, बाबा अमरनाथ की गुफा, हिमानी शिवलिंग, तिरूपति की भव्य मूर्ति एवं शक्ति सरोवर इत्यादि धार्मिक दर्शनीय स्थल हैं। यहां केंद्रीय मंत्रियों से लेकर अग्रवाल समाज से जुड़े कई बड़े पदाधिकारियों का अक्सर आना रहता है। इसके साथ देश के सुदूर क्षेत्रों से भी लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं। इसके साथ ही इस स्थान को मनोरंजन के लिए और भी विकसित किया जा रहा है।

गुजरी महल

गुजरी महल जो बारादरी के नाम से भी जाना जाता है, इनका एक अपना रोचक इतिहास है। ऐसी किवंदती है कि गुजरी महल सुल्तान फिरोजशाह तुगलक ने अपनी प्रेयसी गुजरी के रहने के लिए बनाया था, जो हिसार की रहने वाली थी। महल की बनावट से लगता है सुल्तान ने गुजरी के ऐशो-आराम का खास ख्याल रखा था। गुजरी महल की चोड़ी मोटी दीवार, संकरा रास्ता तुगलक भवन निर्माण शैली की विशेषता को दर्शाता है।

हांसी का किला

पृथ्वीराज का किला, हांसी शहर में स्थित है। यह किला 12 वीं सदी के प्रसिद्ध राजपूत योद्धा पृथ्वीराज द्वारा बनवाया गया। इसको जॉर्ज थॉमस ने 1798 में दोबारा बनवाया जब उसने हांसी को अपनी रियासत की राजधानी बनाया जिसमें हिसार और रोहतक शामिल थे। जॉर्ज थॉमस को परास्त करने के बाद ब्रिटिश सेना ने इस किले को छावनी में तब्दील कर दिया गया था।

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