झज्‍जर में डेंगू व मलेरिया की रोकथाम में अभी तक रहे सफल, बरसात के बाद बढ़ी चुनौती

बरसात ने एक तरफ लोगों को राहत दी है वहीं दूसरी तरफ कोरोना महामारी के बीच डेंगू व मलेरिया का भी खतरा बढ़ गया है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग लोगों को जागरूक कर रही है। ताकि लोग अपने आसपास पानी को लंबे समय तक एकत्रित ना होने दें।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 09:23 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 09:23 AM (IST)
झज्‍जर में डेंगू व मलेरिया की रोकथाम में अभी तक रहे सफल, बरसात के बाद बढ़ी चुनौती
झज्‍जर में इस वर्ष केवल एक मलेरिया का मामला मिला, डेंगू नहीं खोल पाया खाता

जागरण संवाददाता,झज्जर : मानसून के दिनों में मच्छर जनित बीमारी डेंगू व मलेरिया का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। डेंगू व मलेरिया आए साल लोगों को चपेट में लेता था। इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग इस बार पहले से ही जुटा हुआ है। जिसके तहत लोगों को जागरूक किया जा रहा है। वहीं एंटी लारवा एक्टिविटी करवाई जा रही हैं। अभी तक जिले की स्थिति काफी नियंत्रण में हैं। वहीं केवल एक मलेरिया का मामला ही मिला है। जबकि डेंगू खाता तक नहीं खोल पाया। इधर, पिछले कुछ दिनों से जिलेभर में झमाझम बरसात हो रही है। जिसके कारण जगह-जगह जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है। जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की चुनौती बढ़ गई है। क्योंकि एक जगह पर खड़े पानी में ही मच्छर का लारवा पनपता है। जिससे कि डेंगू व मलेरिया फैलने का खतरा भी बढ़ जाता है।

बरसात ने एक तरफ लोगों को राहत दी है, वहीं दूसरी तरफ कोरोना महामारी के बीच डेंगू व मलेरिया का भी खतरा बढ़ गया है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग लोगों को जागरूक कर रही है। ताकि लोग अपने आसपास पानी को लंबे समय तक एकत्रित ना होने दें। लेकिन बरसात के कारण जलभराव का लोगों के पास भी कोई समाधान नहीं हैं। लोगों को मच्छरों से सुरक्षित रहने के लिए भी जानकारी दी जा रही है। साथ ही एंटी लारवा एक्टिविटी के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम शहर व गांवों में जाकर जल स्त्रोत जैसे टंकी, होद, कूलर, पक्षियों के सकोरे आदि की जांच करती है। स्वास्थ्य विभाग का उद्देश्य हर उस जल जल स्त्रोत की जांच करना होता है, जिसमें पानी रहता है। अगर पानी में मच्छर का लरवा मिलता है तो उसके मालिक को चेतावनी देते हुए लारवा ना पनपने देने के लिए भी जागरूक करती है।

पिछले वर्षों में ये रही डेंगू मलेरिया की स्थिति

वर्ष डेंगू के मामले मलेरिया के मामले

2015 230 82

2016 45 88

2017 111 91

2018 56 68

2019 7 45

2020 27 11

2021 अब तक ---- 1

2019 में डेंगू के सबसे कम मामले

पिछले छह वर्षों की बात करें तो डेंगू संक्रमण में वर्ष 2019 ही सबसे बेहतर चल रहा है। 2015 से 2020 तक की बात करें तो सबसे अधिक डेंगू के मामले वर्ष 2015 में 230 मामले मिले थे। वहीं सबसे कम मामले वर्ष 2019 में केवल 7 मामले ही मिले हैं। इस लिहाज से डेंगू को फैलने से रोकने में वर्ष 2019 सबसे बेहतर रहा। हालांकि वर्ष 2021 में अभी तक 2015 के बाद सबसे कम मामले हैं, लेकिन वर्ष 2021 अभी चल रहा है।

मलेरिया के लिए 2020 रहा अच्छा

वर्ष 2015 से 2020 की बात करें तो जिले में मलेरिया फैलने के मामले में सबसे खराब वर्ष 2017 रहा। वर्ष 2017 में कुल 91 मलेरिया के मामले मिले। वहीं इसके बाद हर वर्ष मलेरिया के मामलों की संख्या गिरती आ रही है। इससे पहले वाले तीनों साल लगातार मलेरिया के मामले बढ़े थे। अब वर्ष 2020 में केवल 11 मलेरिया के मामले मिले हैं। जो इन छह वर्षों में सबसे निचले पायदान पर है। 2021 के वर्तमान तक सबसे कम मलेरिया के मामले 2021 में ही मिले हैं।

-मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमें जुटी हुई हैं। लोगों को मच्छर जनित बीमारियों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इस दौरान लोगों को समझाया जा रहा है कि वे किस तरह मच्छर के लारवा को पनपने से रोक सकते हैं। साथ ही जल स्त्रोतों की भी जांच की जा रही है। जहां मच्छर लारवा मिलता है वहां नोटिस थमाए जाते हैं।

डा. रणवीर सिंह, डिप्टी सिविल सर्जन, झज्जर।

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