झज्जर के शहीद जवान की अंतिम यात्रा में उमड़ा जन सैलाब, गूंजे भारत माता की जय के नारे
शहीद कृष्ण की पोस्टिंग मणिपुर बॉर्डर पर थी। वहां पर देश की रक्षा के लिए ड्यूटी दे रहा था। प्रारंभिक रूप से सामने आया है कि कृष्ण अपनी राइफल की सफाई कर रहा था। इस दौरान किसी कारण से राइफल की गोली चल गई और लग गई।
झज्जर, जेएनएन। झज्जर के गांव सुलौधा निवासी जवान कृष्ण को वीरवार का उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया जाएगा। इससे पहले झज्जर शहर से लेकर गांव सुलौधा तक जवान के पार्थिव शरीर की अंतिम यात्रा में ग्रामीण मोटरसाइकिल व ट्रैक्टरों पर सवार होकर शामिल हुए। इस दौरान भारत माता की जय, भाई कृष्ण अमर रहे आदि नारों से माहौल भी देशभक्ति का हो गया था। हर कोई जवान की इस अंतिम यात्रा में शामिल होने का प्रयास कर रहा था।
गांव सुलौधा निवासी कृष्ण सेना में भर्ती होने के बाद देश सेवा में जुटे हुए थे। फिलहाल उनकी पोस्टिंग मणिपुर बॉर्डर पर की हुई थी। वहां पर देश की रक्षा के लिए ड्यूटी दे रहा था। प्रारंभिक रूप से सामने आया है कि कृष्ण अपनी राइफल की सफाई कर रहा था। इस दौरान किसी कारण से राइफल की गोली चल गई और वह गोली कृष्ण को जा लगी। जिस कारण उनकी मौत हो गई।
वहीं इस घटना की सूचना मिलते ही गांव में गमगीन माहौल हो गया। इसके लिए जब ग्रामीणों को पता चला कि कृष्ण का पार्थिव शरीर वीरवार को सुबह झज्जर शहर से गांव आएगा, तो अनेकों ग्रामीण झज्जर ही पहुंच गए। शहर से लेकर गांव तक मोटरसाइकिलों पर सवार युवा व ट्रैक्टर-ट्रालियों में सवार ग्रामीण जवान के पार्थिव शरीर के साथ गांव तक गए।
गांव सुलौधा निवासी जीतराम व शांति देवी के घर जन्में कृष्ण के मिलनसार स्वभाग के कारण गांव का चहेता था। वहीं ड्यूटी के दौरान हुई मौत के बाद सभी ग्रामीणों ने उनकी यात्रा में शामिल होकर श्रद्धांजलि दी। मिली जानकारी के अनुसार जीतराम को तीन बच्चे थे, दो बेटियां व एक बेटा। जवान कृष्ण दो बहनों का इकलौता भाई था। वहीं कृष्ण को भी तीन बच्चे हैं, एक बेटा व दो बेटियां। उनके पैतृक गांव सुलौधा में जवान का अंतिम संस्कार किया जाएगा। जैसे ही इस घटना की सूचना ग्रामीणों को मिली, तो सभी की आंखें नम हो गई