नए प्रॉपर्टी टैक्स सर्वे को अंतिम रूप देने के लिए छह टीमें गठित

- सर्वे को अंतिम रूप मिलते ही बिलों का वितरण होगा शुरू - सालों से प्रॉपर्टी टैक्स के बिलों क

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 06:08 AM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 06:08 AM (IST)
नए प्रॉपर्टी टैक्स सर्वे को अंतिम रूप देने के लिए छह टीमें गठित
नए प्रॉपर्टी टैक्स सर्वे को अंतिम रूप देने के लिए छह टीमें गठित

- सर्वे को अंतिम रूप मिलते ही बिलों का वितरण होगा शुरू

- सालों से प्रॉपर्टी टैक्स के बिलों का वितरण ना होने से परिषद को नहीं रहा राजस्व

संवाद सहयोगी, हांसी: नगर परिषद ने प्रॉपर्टी टैक्स सर्वे का मिलान करने के लिए टीमों की ड्यूटी लगा दी है। स्थानी निकाय विभाग द्वारा यश कंपनी द्वारा शहर का प्रॉपर्टी सर्वे करवाया गया है। सक्षम युवा प्रॉपर्टी टैक्स का मिलान करेंगे और फिर नए सिरे से घरों की प्रॉपर्टी टैक्स के नंबर निर्धारित होंगे। सर्वे का मिलान करने वाली टीमों में चार सक्षम युवा शामिल होंगे जो डोर टू डोर जाएंगे।

बता दें कि शहरी निकाय विभाग ने एक निजी कंपनी को प्रॉपर्टी टैक्स का सर्वे करने का टेंडर जारी किया था। सर्वे के लिए टीम में शामिल 20 युवाओं ने सभी वार्डों में सर्वे करते हुए डाटा एकत्रित किया था। हालांकि सर्वे के समय कुछ पार्षदों ने सर्व को लेकर सवाल भी उठाए थे। प्रॉपर्टी टैक्स शाखा का रिकार्ड भी पुराना है और सालों से बिलों का वितरण ना होने से नगर परिषद को प्रॉपर्टी टैक्स नहीं मिल पा रहा है। सरकार द्वारा प्रॉपर्टी टैक्स पर छूट देने के बावजूद लोगों प्रॉपर्टी टैक्स के बारे में सूचना नहीं मिल रही। स्थानीय निकाय विभाग ने पूरे प्रदेश में सर्वे करवाया था जिसके अंतर्गत हांसी नगर परिषद में भी सर्वे हुआ था। बीते वर्ष अप्रैल महीने में ये सर्वे शुरु किया गया था जो कुछ महीनों बाद पूरा हुआ था। सर्वे पूरा होने के बाद अब नगर परिषद के बाद कंपनी ने डाटा भेज दिया है। नगर परिषद द्वारा शहर के प्रॉपर्टी टैक्स से जुड़े आंकड़ों का मिलान करवाया जाना है। इसी कार्य के लिए छह टीमों का गठन किया गया है जो वार्डों में जाकर सर्वे का मिलान करेंगी।

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शहर में हाउस टैक्स यूनिटें

रेजिडेंट - 26173

कमर्शियल - 738

इंडस्ट्रियल - 65

शिक्षण - 08

धार्मिक - 88

खाली प्लाट - 10157

परिषद बिल्डिग - 246

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बिलों के आवंटन की उम्मीद जगी

प्रॉपर्टी टैक्स यूनिटों के वेरिफाई होने के बाद कंपनी द्वारा लिस्ट को अंतिम रूप से तैयार किया जाएगा। इसके बाद नगर परिषद नए सिरे से प्रॉपर्टी टैक्स के बिलों का भुगतान करना शुरू करेगी। करोड़ों का प्रॉपर्टी टैक्स केवल बिलों के वितरण के कारण नगर परिषद को नहीं मिल पा रहा है। माना जा रहा है कि नए प्रॉपर्टी टैक्स को अंतिम रूप मिलते ही नगर परिषद की प्रॉपर्टी टैक्स शाखा की कार्यप्रणाली में भी सुधार होगा।

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