बहादुरगढ़ के छह अस्पतालों ने ईएसआइ की कैशलेस मेडिकल सुविधा रोकी, 16 माह से भुगतान न होने से अटके साढ़े 35 करोड़

बहादुरगढ़ के छह अस्पताल ईएसआइ (कर्मचारी राज्य बीमा) के पैनल पर हैं। ईएसआइ की सेकेंडरी केयर कैशलेस प्रक्रिया को फरवरी 2020 में केंद्र सरकार से हटाकर राज्य सरकार के हवाले कर दिया गया था। इन अस्पतालों में कैशलेस मेडिकल सुविधा के बदले पैसे का भी बेहद कम भुगतान हुआ है

By Manoj KumarEdited By: Publish:Mon, 19 Jul 2021 05:16 PM (IST) Updated:Mon, 19 Jul 2021 05:16 PM (IST)
बहादुरगढ़ के छह अस्पतालों ने ईएसआइ की कैशलेस मेडिकल सुविधा रोकी, 16 माह से भुगतान न होने से अटके साढ़े 35 करोड़
बहादुरगढ़ में इमरजेंसी में प्राइवेट अस्पताल में मिलने वाली कैशलेस सुविधा फिलहाल रुक गई है।

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : यहां पर काम कर रहे एक लाख से ज्यादा कामगार परिवारों के लिए स्वास्थ्य का संकट खड़ा हो गया है। किसी भी इमरजेंसी में प्राइवेट अस्पताल में मिलने वाली कैशलेस सुविधा फिलहाल रुक गई है। ऐसा खुद निजी अस्पतालों ने किया है। इसके पीछे वजह है, इन अस्पतालों का 16 माह से बेहद कम भुगतान होना। कुल मिलाकर साढ़े 35 करोड़ रुपये अटके हुए हैं। विभागीय निदेशक और शासन-प्रशासन से गुहार लगा चुके इन अस्पतालों ने अब ईएसआइ मेडिकल सेवा से ही फिलहाल तौबा कर ली है। अस्पतालों ने भुगतान न होने तक इस सेवा को स्थगित रखने का ऐलान किया है।

दरअसल, बहादुरगढ़ के छह अस्पताल ईएसआइ (कर्मचारी राज्य बीमा) के पैनल पर हैं। ईएसआइ की सेकेंडरी केयर कैशलेस प्रक्रिया को फरवरी 2020 में केंद्र सरकार से हटाकर राज्य सरकार के हवाले कर दिया गया था। तब से इन अस्पतालों को उनकी कैशलेस मेडिकल सुविधा के बदले पैसे का भी बेहद कम भुगतान हुआ है। इसी कारण अब उन्होंने इन सेवाओं को रोक दिया है। ऐसा करना ये निजी अस्पताल अपनी मजबूरी बता रहे हैं।

यह है स्थिति :

बहादुरगढ़ में एक लाख से ज्यादा कर्मचारी ईएसआइ के दायरे में आते हैं। उनके परिवारों के सदस्यों को भी जोड़ा जाए तो लगभग पांच लाख से ज्यादा की आबादी बहादुरगढ़ में ऐसी है जो स्वास्थ्य सेवाओं के लिए ईएसआइ पर निर्भर है। इनके लिए बहादुरगढ़ में तीन डिस्पेंसरी हैं। अस्पताल अभी बना नहीं है। इसके लिए कई साल से कागजों में ही प्रक्रिया चल रही है। छह निजी अस्पतालों को पैनल पर रखा गया है। तीनों डिस्पेंसरी के लिए न तो सरकारी भवन हैं और न ही पर्याप्त जगह है। इनके पास फाइलों को सुरक्षित रखने की जगह भी नहीं है। इनमें डाक्टरों और प्रशिक्षित स्टाफ का भी अभाव है। अस्पताल संचालकों ने बताया कि बार-बार वे विभागीय निदेशक से मिल चुके हैं, मगर आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिल रहा है। 16 महीने में 10 फीसद भी भुगतान नही हुआ। ऐसे में वे कब तक कैशलेस मेडिकल सुविधा को जारी रखें।

कोरोना में खर्च बढ़ा :

अस्पताल संचालकों का कहना है कि कोरोना में उनका खर्च बढ़ गया है। प्रशासन द्वारा आक्सीजन प्लांट लगाने का दबाव बनाया गया है। इधर, ईएसआइ से करोड़ों रुपये का भुगतान न होने से दिक्कत आ रही है। ऐसे में मजबूर होकर ही उन्होंने ईएसआइ की कैशलेस मेडिकल सेवा को स्थगित करने का फैसला लिया है।

बहादुरगढ़ के इन अस्पतालों की ईएसआइ में बकाया राशि:

1. दिल्ली अस्पताल - 5.7 करोड़

2. आरआर अस्पताल - 5.2 करोड़

3. आरजे अस्पताल - 8.3 करोड़

4. स्वास्तिक अस्पताल - 3.05 करोड़

5. ब्रह्मशक्ति अस्पताल - 3.3 करोड़

6. जीवन ज्योति अस्पताल 10 करोड़

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अस्पतालों की ओर से दिए जाने वाले बिलों के भुगतान की प्रक्रिया चल रही है। फिलहाल स्टाफ की भी कमी है। बहादुरगढ़ में एसएमओ की पोस्ट भी खाली है। सरकार की ओर से बजट आते ही बाकी बिलों का भुगतान भी किया जाएगा।

--डा. संजय बंसल, कार्यवाहक एसएमओ, ईएसआइ

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