गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी मामले में जांच करने के लिए सिरसा डेरा पहुंची पंजाब पुलिस की SIT
पहले से चले आ रहे गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी मामले में डेरा प्रबंधक कमेटी चेयरमैन व वाइस चेयरमैन से पूछताछ के लिए पंजाब पुलिस की एसआईटी सिरसा डेरा में पहुंची थी। पुलिस की बड़ी टीम डेरा में काफी देर रही।
जागरण संवाददाता, सिरसा। श्री गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी मामले में डेरा की चेयरपर्सन विपसना व वाइस चेयरमैन पीआर नैन से पूछताछ के लिए पंजाब पुलिस की एसआइटी सिरसा पहुंची। एसआइटी के प्रभारी लुधियाना रेंज के आइजी सतिंद्रपाल सिंह बटाला के पुलिस अधीक्षक मुखविंदर सिंह भुल्लर के नेतृत्व में एसआइटी बेअदबी मामले में पहली बार जांच के लिए सिरसा पहुंची। पंजाब पुलिस की टीम पहले चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय के फैक्लटी हाउस आई। यहां सिरसा पुलिस अधीक्षक डा. अर्पित जैन से टीम ने मुलाकात की और इसके बाद टीम डेरा सच्चा सौदा के लिए रवाना हो गई। यहां करीब दो से तीन घंटे रहने के बाद पुलिस दोपहर बाद वापस लौट गई।
बता दें कि पंजाब के फरीदकोट जिले के बुर्ज जवाहर सिंह वाला में श्री गुरुग्रंथ साहिब की चोरी और बेअदबी मामले में पंजाब पुलिस की एसआइटी जांच कर रही है। इस मामले की सीबीआइ जांच कर चुकी है। बाद में हाई कोर्ट के निर्देश पर पंजाब पुलिस की एसआइटी जांच कर रही है। फरीदकोट जिला के थाना बाजेखाना में दो जून 2015 को केस दर्ज किया हुआ है।
तीन बार दिए नोटिस फिर भी हाजिर नहीं हुए डेरा प्रबंधक
एसआइटी ने जांच में शामिल होने के लिए चेयरपर्सन विपसना इंसां व वाइस चेयरमैन डा. पीआर नैन को जांच में शामिल होने के लिए तीन बार नोटिस दिया है। विपसना की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है न ही उसे नोटिस तामिल होने की जानकारी सामने आई हे जबकि डा. पीआर नैन ने बीमारी का हवाला देकर मेडिकल दिया हुआ है। डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह से एसआइटी रोहतक स्थिति सुनारिया जेल में पूछताछ कर चुकी है। एसआइटी के प्रभारी आईजी ने सिरसा पहुंचने के बाद कहा कि इस मामले की जांच के संबंध में ही वे पूछताछ के लिए आए थे। अभी भी चेयरपर्सन विपसना इंसां व वाइस चेयरमैन डा. पीआर नैन जांच में शामिल नहीं हुए हैं।
एसआइटी अन्य डेरा समर्थकों से पूछताछ कर रही है, वहीं चेयरपर्सन विपसना इंसां व वाइस चेयरमैन डा. पीआर नैन डेरे में भी नहीं मिले। वहीं डेरा की ओर से इस मामले की पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि दोनों ही लोगों ने मेडिकल लीव ली हुई है। गुरु ग्रंथ साहिब कि किसी भी तरह से बेअदबी नहीं की गई है। ऐसा सोचा भी नहीं जा सकता है तो करने का सवाल ही नहीं उठता।