सिरसा में अब अपराधियों की खैर नहीं, ऐसी तकनीक वाला देश का चौथा और हरियाणा का तीसरा जिला
टेली कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सिरसा के सभी पुलिस अधिकारियों व थाना प्रभारियों से एक कॉल से जुड़ कर आवश्यक दिशा निर्देश दे सकेंगे। फरीदाबाद पंचकूला व शिमला के बाद टेली कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ने वाला सिरसा देश का चौथा जिला बन गया है।
जागरण संवाददाता, सिरसा। जिला में अपराध व अपराधियों पर कारगर ढंग से अंकुश लगाने के लिए पुलिस अधीक्षक डॉ. अर्पित जैन ने अब जिला के सभी पुलिस अधिकारियों व थाना प्रभारियों से एक साथ जुड़ने की बेहतर तकनीक अपनाने का निर्णय लिया है और इस तकनीक का आज सफल ट्रायल भी किया गया है।
अब पुलिस अधीक्षक टेली कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला के सभी पुलिस अधिकारियों व थाना प्रभारियों से एक कॉल से ही उनके साथ जुड़ कर आवश्यक दिशा निर्देश दे सकेंगे। फरीदाबाद, पंचकूला व शिमला के बाद टेली कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ने वाला सिरसा देश का चौथा जिला बन गया है। इस टेक्नोलॉजी को क्रियान्वित करने में स्थानीय बीएसएनल अधिकारियों व पुलिस अधीक्षक कार्यालय की आइटी सेल के प्रभारी सहायक एसआइ राजेश कुमार की टीम भी सराहनीय भूमिका रही है। पुलिस अधीक्षक डॉ. अर्पित जैन ने बताया कि पहले कॉल कॉन्फ्रेंसिंग के माध्मय से केवल चार या पांच व्यक्ति जुड़ते थे और उनके साथ एक-एक कर संपर्क करना पड़ता था। लेकिन अब टेली कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जिले के सभी पुलिस अधिकारी अब एक कॉल से ही एक साथ जुड़ेंगे।
वारदात के बाद जल्द पकड़े जाएंगे आरोपित
एसपी ने बताया कि यह तकनीक सिरसा में कानून व्यवस्था बनाए रखने व अपराध व अपराधियों पर अंकुश लगाने में काफी कारगर सिद्ध होगी। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस नई तकनीक के जरिये एक साथ सभी पुलिस अधिकारियों को सूचित होने पर वारदात को अंजाम देने वाले आरोपित शीघ्र पुलिस की पकड़ में आएंगे। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अब भविष्य में जिला पुलिस टेली कॉन्फ्रेंसिंग की इस बेहतर तकनीक का प्रयोग करेगी जोकि आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वालो पर अंकुश लगाने के लिए तथा जिला में कानून व्यवस्था की बेहतर स्थित बनाएं रखने में सहायक सिद्ध होगी।
थाना प्रभारियों के काम काज की भी हो सकेगी समीक्षा
एसपी ने बताया कि अब टेली कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जिला के सभी पुलिस अधिकारियों के साथ किसी भी विषय पर एक साथ विचार विमर्श हो सकेगा। थाना प्रभारियों के काम-काज की समीक्षा भी हो सकेगी। टेली कॉन्फ्रेंसिंग के बारे में जिला पुलिस की आइटी सेल व स्थानीय बीएसएनल अधिकारियों द्वारा सभी थाना प्रभारियों को समय-समय पर पूरी तरह प्रक्षिशत किया जाएगा ताकि वे इस टेली कॉन्फ्रेंसिंग तकनीक के बारे में पूरी तरह जागरुक हो सकें ।
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