अनपढ़ चला रहा है नोट दुगना करने वालों की गैंग, ठगी की इन वारदातों को दे चुका है अंजाम

राजस्थान पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार यह गिरोह लंबे समय से ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहा है। 30 से अधिक मामले दर्ज है। इस गिरोह का सरगना सिरसा का भूरा सिंह है जिस पर 15 से अधिक मामले दर्ज है।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 09:14 AM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 09:14 AM (IST)
अनपढ़ चला रहा है नोट दुगना करने वालों की गैंग, ठगी की इन वारदातों को दे चुका है अंजाम
राजस्थान पुलिस ने पकड़े थे चार आरोपित, दो ने पहन रखी थी पुलिस की नकली वर्दी

सिरसा, जागरण संवाददाता। राजस्थान की हनुमानगढ़ जिला पुलिस ने रुपये दोगुना करने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह से जुड़े चार सदस्यों को दस दिसंबर तक कोर्ट से रिमांड पर लिया है। हनुमानगढ़ पुलिस ने एक दिन पहले ही आदमपुर रोड की तरफ से आ रही इनोवा कार को रूकवाया तो उसमें दो युवक पुलिस की वर्दी पहने हुए थे और पूछताछ में घबरा गए। एक युवक ने एएसआइ की तो एक ने सिपाही की वर्दी पहनी थी। आरोपित की पहचान फतेहाबाद के नरेश, बलराज व अक्षय के रूप में हुई जबकि चौथा आरोपित सिरसा के कीर्तिनगर निवासी भूरा सिंह है। इससे पहले 25 नवंबर को इसी गिरोह के बारे में भादरा के वार्ड 25 निवासी मांगी लाल ने ठगी की शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसमें बताया था कि हरियाणा पुलिस की वर्दी पहने दो युवकों व उनके तीन चार अन्य साथियों ने रुपये दोगुने का करने का झांसा दिया। बाद में उसने रुपये मांगे तो दो लाख के नाम पर 50-50 हजार की चार गड्डियां दे गए, इनके ऊपर नीचे असली नोट लगे थे जबकि अंदर कागज थे।

पुलिस पूछताछ में सिरसा का भूरा निकला गिरोह का सरगना

राजस्थान पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार यह गिरोह लंबे समय से ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहा है। 30 से अधिक मामले दर्ज है। इस गिरोह का सरगना सिरसा का भूरा सिंह है जिस पर 15 से अधिक मामले दर्ज है। पुलिस भी हैरान है कि भूरा सिंह अनपढ़ है और इसके बावजूद वह लोगों को ठग रहा था। शातिर भूरा सिंह समय समय पर वारदात के लिए अलग अलग लोगों को साथ मिलाता रहता है।

दो लोग करते हैं सौदा, नकली पुलिस पहुंच कर करती है रेड

पुलिस सूत्रों के अनुसार इस गिरोह के लोग रुपये दोगुना करने के संबंधित व्यक्ति को किसी सुनसान जगह पर बुलाते हैं। गाड़ी में ही उससे सौदा तय करने लगते हैं। इसी दौरान पुलिस की वर्दी पहने कुछ व्यक्ति मौके पर आते हैं और रेड पड़ने के नाम पर गिरोह के सदस्य राशि लेकर फरार हो जाते हैं। पुलिस की वर्दी वाले पीछे गाड़ी लगाने के बहाने से खिसक जाते हैं।

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