लिंगानुपात में चार बार सिरसा रहा टाप, अब चौथे स्थान पर, भ्रूण लिंग जांच गिरोह को पकड़ने के लिए टीमें करती हैं रेड

अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर विशेष सिरसा जिला प्रदेश में चार बार टाप रहा है। फिलहाल लिंगानुपात में प्रदेश में चौथे स्थान पर है। वर्तमान में जिले का लिंगानुपात 930 है। प्रशासन स्वास्थ्य विभाग व महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रयास रंग ला रहे हैं

By Manoj KumarEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 09:28 AM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 09:28 AM (IST)
लिंगानुपात में चार बार सिरसा रहा टाप, अब चौथे स्थान पर, भ्रूण लिंग जांच गिरोह को पकड़ने के लिए टीमें करती हैं रेड
सिरसा में बेटियों को बचाने में स्वास्थ्य विभाग की पीएनडीटी की टीम भी सराहनीय कार्य कर रही हैं।

जागरण संवाददाता, सिरसा : राजस्थान सीमा से सटा प्रदेश के अंतिम छोर पर बसा सिरसा जिला प्रदेश में चार बार टाप रहा है। फिलहाल लिंगानुपात में प्रदेश में चौथे स्थान पर है। वर्तमान में जिले का लिंगानुपात 930 है। प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग व महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रयास रंग ला रहे हैं। बेटियों को बचाने में स्वास्थ्य विभाग की पीएनडीटी की टीम भी सराहनीय कार्य कर रही हैं। भ्रूण लिंग जांच में संलिप्त लोगों को पकड़ने के लिए टीमें सिरसा ही नहीं बल्कि पंजाब एरिया में दबिश देती है और इस अनैतिक धंधे से जुड़े लोगों को बेनकाब कर रही है।

-- - जिले में बेटियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। जिले में बेटियों का मान बढ़ा है। अब तक तीन बार (वर्ष 2015, 2016 व अक्टूबर 2020) में लिंगानुपात में प्रथम स्थान प्राप्त कर चुका है। वर्ष 2014 में जिला का लिंगानुपात 900 था। 2020 में लिंगानुपात की दर 949 थी। वर्तमान में जिले में एक हजार लड़कों के पीछे 930 लड़कियों का जन्म हो रहा है।

-- - स्वास्थ्य विभाग की सजगता से भ्रूण लिंग जांच करने वाले गिरोहों का भी पर्दाफाश हो रहा है। सिरसा की टीमें सिरसा ही नहीं बल्कि पंजाब क्षेत्रों में भी इस घिनौने कृत्य से जुड़े लोगों का पर्दाफाश कर उन्हें रंगे हाथों पकड़वा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग की सख्ती का ही परिणाम है कि जिले में लड़कियों की तादाद बढ़ रही है और लोग बेटियों को भी बेटी के बराबर मान देने लगे हैं।

--बदल रही है लोगों की मानसिकता

सरकार के द्वारा किए जा रहे प्रयासों व शिक्षा के बढ़ते स्तर से अब लोगों की सोच बदल रही है। लोग बेटा बेटी में फर्क नहीं मानते। लड़कियों में भी साक्षरता का स्तर बढ़ रहा है। विभाग का प्रयास है कि लड़कियां व महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ें, इसके लिए विभाग प्रयासरत है।

- डा. दर्शना सिंह, महिला एवं बाल विकास अधिकारी

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