मूक बधिर बेटी नीतू ने बरातियों को पौधे देकर शुरू की नई रीत, बेटियों को लिए लिया 8वां फेरा

लड़कियों के जन्म दिवस पर भी मोठ गांव निवासी नीतू ने ग्रामीणों को पौधारोपण करने के लिए प्रेरित किया। अब पूरे गांव में लड़की के जन्मदिन पर पेड़ पौधे लगाए जाते हैं। नीतू को इसी कार्य के लिए इसी वर्ष महिला दिवस पर मुख्यमंत्री ने अवार्ड देकर सम्मानित किया।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 12:31 PM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 12:31 PM (IST)
मूक बधिर बेटी नीतू ने बरातियों को पौधे देकर शुरू की नई रीत, बेटियों को लिए लिया 8वां फेरा
विदाई के समय बारातियों व अन्य मेहमानों को पौधे देकर विदा करते हुए नीतू व उसके पिता बलवान सिंह।

नारनौंद [सुनील मान] अगर मन में कुछ करने की इच्छा शक्ति हो तो कोई भी काम बड़ा नहीं होता मूक बधिर होने के बावजूद नारनौंद उपमंडल के गांव मोठ की बेटी नीतू ने यह बात साबित करके दिखाई है। उनको महिला सशक्तीकरण के लिए कार्य करने पर इसी वर्ष महिला दिवस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया था और सोमवार को नीतू की शादी थी। शादी के दिन भी आठवां फेरा लेकर ग्रामीणों व बारातियों को कन्या भ्रूण हत्या न करने का संदेश दिया। वहीं बारातियों को एक-एक पौधा देकर ग्रामीण आंचल में एक नई रीत की नींव भी डाल दी। नीतू ने बरातियों को पौधे देने की शुरुआत पहले दूसरी शादी में करवाई थी और अब खुद की शादी में भी ऐसा ही किया।

गांव मोठ निवासी नीतू बचपन से ही मूक बधिर है। इसके कारण वह पढ़ाई नहीं कर पाई फिर उनके घर वालों ने उसको पढ़ाई के लिए एक स्कूल में भेजा तो वह सातवीं कक्षा तक ही पढ़ पाई। लेकिन उसने मन में यह सोच लिया था कि उसको अपनी खुद की पहचान बना कर माता पिता का नाम भी रोशन करना है। उसने गांव में घर

घर जाकर इशारों ही इशारों में लोगों को कन्या भ्रूण हत्या न करने के लिए जागरूक करना शुरू कर दिया। कुछ ही समय बाद परिणाम सार्थक आने लगे गांव के लोग लड़की के पैदा होने पर तालियां बजाकर खुशियां मनाने लगे। गांव में लड़कियों के ग्राफ में तेजी से बढ़ोतरी हुई तो सभी ने इसका श्रेय नीतू को दिया।

लड़कियों के जन्म दिवस पर भी नीतू ने ग्रामीणों को पौधारोपण करने के लिए प्रेरित किया। अब पूरे गांव में लड़की के जन्मदिन पर पेड़ पौधे लगाए जाते हैं। नीतू को इसी कार्य के लिए इसी वर्ष महिला दिवस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने राज्य स्तरीय अवार्ड देकर सम्मानित किया। नीतू के यह कार्य उनकी पहचान बन गए और उसकी शादी एक पढ़े-लिखे युवा जींद जिला के गांव खेड़ी मसानिया निवासी राजीव के साथ सोमवार को हुई नीतू ने शर्त रखी थी कि शादी में वह आठवां फेरा कन्या भ्रूण हत्या ना करने के लिए लेगी।

नीतू का साहस देख कर उसके ससुरालजन काफी खुश हैं। कि उनको इतनी गुणवान वधु मिली है। शादी के बाद विदाई के समय बारातियों को एक-एक पौधा दिया गया। ताकि प्रदूषण भी सही तरीके से सुधर सके और हमारी धरा एक बार फिर से हरी भरी हो सके। ग्रामीण आंचल में यह एक नई शुरुआत करके नीतू ने एक नई नींव डालने के काम भी किया है। नीतू के इस कार्य की आज पूरे क्षेत्र में चर्चा बनी हुई है।

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नीतू के पिता बलवान सिंह ने बताया कि शुरुआत से नीतू मूक बधिर थी यह देखकर काफी मन दुखी होता था। लेकिन नीतू के यह कार्य देखकर आज गर्व महसूस कर रहा हूं कि भगवान सभी को ऐसी लड़की दे। आज मेरी पहचान मेरी लड़की की वजह से है।

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नीतू के पति राजीव ने बताया कि वह आज काफी खुश है कि उसको जो जीवनसाथी मिला है। वह सामाजिक ताने-बाने को सुधारने में अहम रोल अदा कर रहा है। वह भविष्य

में भी जो कार्य करेगी वह उसका सहयोग करेगा।

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