सिद्धि विनायक मंदिर में धूमधाम से मनाई शनिश्चरी अमावस्या

शनिदेव पर किया तेलाभिषेक देर रात तक चला भंडारा

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 09:38 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 09:38 PM (IST)
सिद्धि विनायक मंदिर में धूमधाम से मनाई शनिश्चरी अमावस्या
सिद्धि विनायक मंदिर में धूमधाम से मनाई शनिश्चरी अमावस्या

-शनिदेव पर किया तेलाभिषेक, देर रात तक चला भंडारा

हिसार (वि) : प्रभु प्रेमी संघ की हिसार शाखा की ओर से शनिश्चरी अमावस्या के उपलक्ष्य में शनिवार सायं को पुष्पा काम्पलैक्स स्थित सिद्धि विनायक मंदिर एवं सिद्ध श्रीशनिदेव मंदिर में भजन-कीर्तन व विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। मंदिर को फूलों व रंग-बिरंगी लाईटों से सजाया गया। विगत कई वर्षों से हर शनिश्चरी अमावस्या पर किए जाने वाले कीर्तन व भंडारे की कड़ी में शनिवार को प्रभु प्रेमी संघ के सदस्यों ने विशेष पूजन कर शनिदेव का पंचामृत स्नान व

तेलाभिषेक आदि कर पूजा-अर्चना की शुरूआत की। श्रद्धालुओं का आगमन सुबह से ही होना शुरू हो गया। दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा, जो देर रात तक जारी रहा। नगर के विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे असंख्य लोगों ने श्रद्धाभाव से शनिदेव की पूजा की व भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया। यह जानकारी देते हुए संघ के प्रवक्ता कैलाश गोयल ने बताया कि संघ के सदस्यों द्वारा की गई मंगल आरती व गणेश वंदना के साथ भजन-कीर्तन की शुरूआत की गई। भजन गायिका निशा शर्मा एवं सखियां, श्याम दीवानी मोना व प्रिस हैरी, संजय सिगल, सुमित मित्तल आदि ने शनिदेव की महिमा का गुणगान किया जिन पर श्रद्धालु

झूम उठे। गाए गए भजनों में शनिदेव हमें शक्ति दो, शनि मंदिर चलो आज शनिवार है, जय-जय जय श्रीशनिदेव के अलावा शनि चालीसा मुख्य रहे। इस अवसर पर एनके गोयल, वीरेन्द्र गुप्ता, संजय डालमिया, वेद गोयल, दुनीचंद गोयल, सुशील रेमंड वाले, सुशील अग्रवाल, भूपेद्र चावला, मुकेश जैन, दक्ष, सुरजीत शर्मा आदि सेवादार भी उपस्थित रहे।

श्रद्धा का केंद्र बना सिद्धि विनायक मंदिर

प्रभु प्रेमी संघ के प्रवक्ता कैलाश गोयल ने बताया कि प्रभु प्रेमी संघ नगर में पिछले कई वर्षों से धार्मिक एवं सामाजिक कार्य कर रही है। संघ के संस्थापक जूनाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद महाराज के सान्निध्य में सिद्धि विनायक मंदिर एवं सिद्ध श्रीशनिदेव मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान, हवन, सत्संग, भंडारों आदि का आयोजन किया जाता है और यह मंदिर आज हजारों श्रद्धालुओं की श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है।

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