बहादुरगढ़ के सेक्टर-17 में चप्पल फैक्टरी की दो यूनिटों में लगी भीषण आग, हुआ भारी नुकसान

फैक्ट्री में चप्पल बनती है और रैग्जीन का काम होता है। फैक्ट्री की दो यूनिट साथ-साथ हैं। एक यूनिट के भूतल से शुरू हुई आग साथ लगती फैक्ट्री की दूसरी यूनिट (प्लाट 45 डी) की दूसरी मंजिल तक भी पहुंच गई। उसमें भी चप्पल बनाई जाती हैं।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 12:52 PM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 12:52 PM (IST)
बहादुरगढ़ के सेक्टर-17 में चप्पल फैक्टरी की दो यूनिटों में लगी भीषण आग, हुआ भारी नुकसान
बहादुरगढ़ में चप्‍पल बनाने की फैक्‍ट्री जहां आग लगने से भारी नुकसान हुआ है

बहादुरगढ़, जेएनएन। बहादुरगढ़ के सेक्टर-17 में सोमवार की रात 45-ई प्लाट में स्थित इम्पेक्ट इंडिया पोलीमर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में शार्ट सर्किट के कारण भीषण आग लग गई। फैक्ट्री में चप्पल बनती है और रैग्जीन का काम होता है। फैक्ट्री की दो यूनिट साथ-साथ हैं। एक यूनिट के भूतल से शुरू हुई आग साथ लगती फैक्ट्री की दूसरी यूनिट (प्लाट 45 डी) की दूसरी मंजिल तक भी पहुंच गई। उसमें भी चप्पल बनाई जाती हैं। उस वक्त तक काम कम हो गया था। आग लगते ही दमकल विभाग काे सूचित किया गया। बहादुरगढ़ की पांच से ज्यादा दमकल गाड़ियां पहुंची। उनसे बात न बनती देख भिवानी और चरखीदादारी से आंदोलन के लिए यहां पर बुलाई गई दमकल गाड़ियां भी पहुंची। बाद में झज्जर और रोहतक से भी गाड़ी बुलानी पड़ी। रात भर में दमकल दस्तों ने

आग पर काबू पा लिया, लेकिन सुबह तक यह पूरी तरह नहीं बुझी सकी थी। घटना से भारी नुकसान हुआ है। अभी तक किसी तरह की कोई जन हानि का मामला सामने नहीं आया है। फैक्ट्री मालिक राजीव मदान का कहना है कि नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। बता दें कि बहादुरगढ़ में आग की घटनाएं लगातार हो रही हैं। कुछ दिन पहले आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र की चार फैक्ट्रियों में भी आग लग गई थी। इनमें से तीन फैक्ट्रियां एक साथ चपेट में आई। उनमें तो दो कामगारों की भी मौत हो गई थी। वे आपस में मामा भांजा थे। दमकल विभाग के अधिकारियों का कहना कि सुरक्षा प्रबंधाें की अनदेखी ही अधिकतर घटनाओं में कारण बनती है।

बता दें कि बहादुरगढ़ में कई दफा यहां बनी फैक्ट्रियाें में आग लगती रहती है। ज्‍यादातर में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट होता है। कई दफा आग लगने से कई लोगों की जान भी चली जाती है। यहां कई फैक्ट्रियां फायर एनओसी के मानक भी पूरी नहीं कर रही हैं। इससे कंपनी मालिक को तो नुकसान होता ही है साथ ही मजदूरों की जान भी जा रही है।

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