'मेरा पानी-मेरी विरासत' योजना अपनाने पर मिलेंगे सात हजार : कृषि मंत्री
संवाद सहयोगी सिवानी मंडी रहिमन पानी राखिये बिन पानी सब सून..। ये पंक्तियां इस बात का अंदाज
संवाद सहयोगी, सिवानी मंडी : रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून..। ये पंक्तियां इस बात का अंदाजा लगाने के लिए काफी हैं कि पानी की गैर-मौजूदगी में हालात कितने भयावह हो सकते हैं। इसलिए जल संरक्षण न केवल मानवता के अस्तित्व के लिए जरूरी है। हरियाणा में बड़े पैमाने पर धान की फसल पानी की अत्यधिक खपत और इसमें कीटनाशकों के होने वाले अंधाधुंध इस्तेमाल के चलते यह फसल न केवल किसान के लिए घाटे का सौदा बनकर रह गई है। बल्कि पर्यावरण व जल संरक्षण के लिहाज से भी बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। राज्य सरकार ने स्थिति की गम्भीरता को समझते हुए फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाएं शुरू की हैं। इसी कड़ी में, पिछले साल शुरू की गई मेरा पानी-मेरी विरासत योजना ने आमजन को एक नई राह दिखाने का काम किया है। यह योजना अपनाने पर किसान को प्रति एकड़ सात हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि योजना के तहत जिन किसानों ने पिछले साल अपने खेत में धान की रोपाई की थी और इस वर्ष उसी खेत में वैकल्पिक फसल जैसे-मोठ, उड़द, सोयाबीन, ग्वार, तिल, मूंगफली, अरंडी, खरीफ प्याज, खरीफ सीजन की चारा फसलें, कपास, मक्का, अरहर, मूंग व विभिन्न सब्जियां, पशुचारा उगाने या फिर खेत को खाली रखने पर किसान को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक किसानों को 'मेरा पानी-मेरी विरासत' व 'मेरी फसल-मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर आगामी 25 जून, 2021 तक पंजीकरण करना होगा।