पहला स्वदेशी डॉग फूड तैयार कर रहे विज्ञानी, प्रोटीन युक्त होगा डॉग फूड, हिसार में दी जानकारी

अभी तक डाॅग फूड भारत विदेशों से आयात करता रहा है। मगर अब जल्द ही बाजार में स्वदेशी डॉग फूड लोगों को मिल सकेगा। जो किफायती होने के साथ प्रोटीन से युक्त होगा। इस इनीशिएटिव को भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ बॉयोटेक्नॉलोजी की मदद से बनाया जा रहा है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Tue, 02 Feb 2021 12:31 PM (IST) Updated:Tue, 02 Feb 2021 12:31 PM (IST)
पहला स्वदेशी डॉग फूड तैयार कर रहे विज्ञानी, प्रोटीन युक्त होगा डॉग फूड, हिसार में दी जानकारी
कुत्‍तों के लिए अब ड्राई फूड विदेश से नहीं मंगवाना होगा, अब भारत में ही इसे बनाया जाएगा

हिसार [वैभव शर्मा] प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए आत्मनिर्भर भारत के मंत्र को हर सेक्टर में अपनाने की तैयारी शुरू हो गई है। अभी तक डाॅग फूड (श्वानों को दिया जाने वाला भोजन) भारत विदेशों से आयात करता रहा है। मगर अब जल्द ही बाजार में स्वदेशी डॉग फूड लोगों को मिल सकेगा। जो किफायती होने के साथ प्रोटीन से युक्त होगा। खास बात यह है कि इस इनीशिएटिव को भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ बॉयोटेक्नॉलोजी की मदद से बनाया जा रहा है। डॉग फूड बनाने की जिम्मेदारी लुधियाना स्थित गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के विज्ञानियों ने ली है। लंबे प्रयोगों के बाद काफी हद तक विज्ञानियों ने फूड तैयार भी कर दिया है, बस इसे किफायती और अधिक गुणवत्ता युक्त बनाने पर काम चल रहा है। विवि के अधिकारियों की मानें तो जल्द ही भारतीय लोग अपने पालतू जानवरों के लिए जिसमें श्वानों के लिए इस फूड काे ले सकेंगे।

यहां से शुरू हुई स्वदेशी डॉग फूड बनाने की योजना

गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति और हिसार में केंद्रीय भैंस अनुसंधान केंद्र के पूर्व निदेशक डा. इंद्रजीत सिंह बताते हैं कि उन्हें इंडीजीनश डॉग फूड बनाने के असाइनमेंट पर काम कर रहे हैं। हमारे विज्ञानियों ने अपना फार्मूला भी तैयार कर लिया है। एक कंपनी भी 10 लाख रुपये में उसे खरीदने को तैयार है। जिसके बाद डॉग फूड को आगे बाजार तक लाया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ एक महिला भी अपने उत्पाद लेकर विवि के पास आईं। उन्होंने बताया कि उन्होंने गंदगी पर बैठने वाली मक्खी के लारवा से एक उत्पाद तैयार किया। इस प्रोडक्ट का जब परीक्षण किया तो उसमें प्रोटीन काफी अधिक मिला। इस मामले में उनके साथ मिलकर काम करेंगे। गौरतलब है कि विवि को डिपार्टमेंट ऑफ बॉयोटेक्नॉलोजी ने एक बड़ा प्रोजेक्ट दिया है, जिसमें 13 अलग-अलग विषयों पर काम चल रहा है, जिसमें से न्यूट्रिशन विभाग के विज्ञानियों को डॉग फूड फार्मूला तैयार करने का टास्क दिया गया था।

स्लॉटर हाउस के वेस्ट का किया है प्रयोग

इस डॉग फूड को बनाने के लिए स्लॉटर हाउस का वेस्ट प्रयोग किया गया है। इसके साथ ही इसमें ऐसी सामग्री मिलाई जा रही है जो भारत में अासानी से उपलब्ध हो। डा. इंद्रजीत ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में डॉग फूड के लिए हमारे देश की दूसरे देशों पर निर्भरता खत्म होगी। इस फूड को तैयार करने के लिए सामग्री व कई मशीनों की भी मदद ली गई है। क्योंकि श्वानों के हिसाब से फूड तैयार करना काफी कठित है। उस फूड को मुलायम और हानिरहित बनाना एक बड़ी चुनौती है। यह फूड पूरी तरह से देसी फार्मूले पर आधारित होगा। इसमें स्लॉटर वेस्ट का प्रयेाग इसी लिए किया है कि प्रोडक्ट की लागत को कम किया जा सके।

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