Hisar News: सरकार ने बीमारी के उन्मूलन के लिए चलाई विभिन्न योजनाएं, ये हो सकते हैं टीबी के लक्षण
सरकार द्वारा टीबी रोगियों की सुविधा के लिए ‘निक्षय पोषण योजना’ ‘सूचना प्रोत्साहन योजना’ ‘उपचार समर्थक योजना’ और ‘निजी प्रदाता अधिसूचना योजना’ नामक चार योजनाएं चलाई जा रही हैं। गर्भवती महिलाओं में टीबी होने के बारे में काफी हद तक पता नहीं चलता
हिसार, जागरण संवाददाता। सरकार द्वारा टीबी रोगियों की सुविधा के लिए ‘निक्षय पोषण योजना’, ‘सूचना प्रोत्साहन योजना’, ‘उपचार समर्थक योजना’ और ‘निजी प्रदाता अधिसूचना योजना’ नामक चार योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिसके तहत टीबी रोगियों और उनकी देखभाल करने वालों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता द्वारा दी जानकारी के अनुसार
स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि गर्भवती महिलाओं में टीबी होने के बारे में काफी हद तक पता नहीं चलता, इससे गर्भावस्था के दौरान प्रतिरक्षात्मक परिवर्तन नए संक्रमणों के साथ-साथ अप्रत्यक्ष संक्रमण की सक्रियता को सामान्य बना देते हैं। महिलाओं से अपेक्षा की जाती है कि वे परिवार में टीबी रोगी की देखभाल करें, जिसके कारण टीबी के निदान से पहले या बाद में उनके संपर्क में आने से वे टीबी की चपेट में आ जाती हैं। इसके अलावा, खाना पकाने के लिए ठोस जैव ईंधन के उपयोग के साथ-साथ गरीबी, वेंटिलेशन की कमी आदि से टीबी का खतरा बढ़ जाता है।
टीबी से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए इन नंबर पर कर सकते हैं काल
उन्होंने बताया कि टीबी से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए राज्य के लोग टोल फ्री नंबर 1800116666 पर संपर्क कर सकते हैं। इस बीमारी के प्राथमिक लक्षण बुखार, खांसी, वजन कम होना, पसीना आना है, जो कि कोविड-19 के लक्षणों के समान है। उन्होंने कहा अगर इस बीमारी का इलाज समय पर करवाया जाए तो बचाव संभव है। राज्य सरकार द्वारा विभिन्न टीबी केंद्रों में लोगों को मुफ्त इलाज और परीक्षण की सुविधा प्रदान की गई है।
जानकारी के लिए
दरअसल टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जो ट्यूबरक्युलोसिस बैक्टीरिया के कारण होती है। इस बीमारी का सबसे अधिक प्रभाव फेफडों पर होता है। फेफड़ों के अलावा ब्रेन, यूटरस, मुंह, लिवर, किडनी, गले आदि में भी टीबी हो सकती है। साथ ही बता दें कि सबसे कॉमन फेफड़ों का टीबी है, जो कि हवा के जरिए एक से दूसरे इंसान में फैलती है। टीबी के मरीज के खांसने और छींकने के दौरान मुंह-नाक से निकलने वालीं बारीक बूंदें इन्हें फैलाती हैं। टीबी खतरनाक इसलिए है क्योंकि यह शरीर के जिस हिस्से में होती है, सही इलाज न हो तो उसे बेकार कर देती है। इसलिए टीबी के आसार नजर आने पर जांच करानी चाहिए।