झज्‍जर के ढांसा बॉर्डर पर किसान आंदोलन स्‍थल पर आज मनाई जाएगी सरदार अजीत सिंह की जयंती

ढांसा बॉर्डर पर पिछले 76 दिनों से किसानों का धरना जारी है। इस पर मंगलवार को सरदार अजीत सिंह की जयंती मनाई जाएगी। जबकि सोमवार को स्वामी सहजानंद सरस्वती की जयंती मनाई गई। फिलहाल धरने व आंदोलन को मजबूत करने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 09:12 AM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 09:12 AM (IST)
झज्‍जर के ढांसा बॉर्डर पर किसान आंदोलन स्‍थल पर आज मनाई जाएगी सरदार अजीत सिंह की जयंती
गुलिया खाप तीसा के प्रधान विनोद गुलिया ने बताया कि सरदार अजीत सिंह शहीद-ए-आजम भगत सिंह के चाचा थे

झज्‍जर/बादली, जेएनएन। ढांसा बॉर्डर पर मंगलवार को सरदार अजीत सिंह की जयंती मनाई जाएगी। इसको लेकर स्थानीय स्तर पर तैयारियां भी की जा रही है। वहीं आंदोलन को मजबूत करने का भी प्रयास रहेगा। इसलिए जयंती के अवसर पर अधिक से अधिक लोगों को बुलाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं धरने पर पहुंच लोगों को आंदोलन व तीनों कृषि कानूनों को लेकर जागरूक किया जा रहा है। हालांकि, विभिन्न खापें, पंचायतें व अन्य लोग धरना स्थल पर जाकर समर्थन भी कर चुके हैं। सोमवार को ढांसा बॉर्डर पर इंग्लैंड से संयम सिवाच भी पहुंचें। उन्होंने किसान आंदोलन का समर्थन किया और हर संभव प्रयास का आश्वासन भी दिया।

बता दें कि ढांसा बॉर्डर पर पिछले 76 दिनों से किसानों का धरना जारी है। इस पर मंगलवार को सरदार अजीत सिंह की जयंती मनाई जाएगी। जबकि सोमवार को स्वामी सहजानंद सरस्वती की जयंती मनाई गई। फिलहाल, धरने व आंदोलन को मजबूत करने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। गुलिया खाप तीसा के प्रधान विनोद गुलिया ने बताया कि सरदार अजीत सिंह शहीद-ए-आजम भगत सिंह के चाचा हैं। जिन्होंने किसानों के साथ अंग्रेजी राज के खिलाफ आंदोलन भी किया था।

उन्होंने अपील करते हुए कहा कि अधिक से अधिक लोग धरना स्थल पर पहुंचे। साथ ही सरदार अजीत सिंह की जयंती कार्यक्रम में भी भाग लें। इस दौरान सरदार अजीत सिंह के बारे में बताया जाएगा। साथ ही उन्होंने किस तरह अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाई उसके बारे में लोगों को जागरूक करके किसान आंदोलन में शामिल होने की अपील की जाएगी। विनोद गुलिया ने कहा कि किसान शांति पूर्ण ढंग से धरने पर बैठे हैं। इसलिए सरकार को किसानों से बातचीत करके हल निकालना चाहिए। जब तक मांगे पूरी नहीं होंगी, तब तक यह धरना जारी रहेगा।

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