हरियाणा में बिजली बिलाें में अग्रिम सिक्योरिटी राशि जुड़ कर आने का नियम बना गले की फांस, असमंजस में उपभोक्ता
नए नियम के तहत बताया गया था कि पूरे साल के बिजली बिलों को देखते हुए औसत निकाल इस राशि का दोगुनी अग्रिम सुरक्षा राशि जमा करवानी होगी। जो बिल में जुड़कर आएगी। मगर ऐसा नहीं हुआ। केवल ऑनलाइन बिलों में ही राशि जुड़कर आई है। उपभोक्ता परेशान हैं।
भिवानी, जेएनएन। हरियाणा में आजकल बिजली उपभोक्ता परेशान हैं। बिजली निगम ने सिक्योरिटी राशि बिलों में जोड़ने का जो फैसला लिया है वह उपभोक्ताओं के लिए गले की फांस बना है। बिजली बिल में जो राशि दर्शाई गई है उस राशि से दो गुणा तक बिल मांगा जा रहा है। जबकि उस राशि को मैनुअल बिलों में नहीं दर्शाया गया है। बिजली निगम भले ही उपभोक्ताओं के पास फोन पर मैसेज भेज रहा है। बिल जमा कराने आने वालों को भी समझाया जा रहा है। यहां हकीकत यह है कि उपभोक्ताओं को यह सारा माजरा समझ नहीं आ रहा है। जबकि बताया यह गया था कि पूरे साल के बिजली बिलों को देखते हुए औसत निकाल इस राशि का दोगुनी अग्रिम सुरक्षा राशि जमा करवानी होगी। जो बिल में जुड़कर आएगी। मगर ऐसा नहीं हो रहा है। केवल ऑनलाइन बिलों में ही राशि जुड़कर आई है। ऐसे में उपभोक्ता परेशान हैं। समझ नहीं पा रहे हैं कि क्या सही है और क्या गलत है।
उपभोक्ता बोले जितना बिल आए कम से कम बिल में तो दर्शाया जाए
लोहड़ बाजार निवासी पुरुषोत्तम जांगड़ा कहते हैं कि उनकी दुकान का बिजली का बिल 1750 रुपये का आया है। वह जब इसे जमा कराने के लिए पहुंचे तो उनसे 3250 रुपये मांगे गए। यह बात सुन कर वह हैरान रह गया। एक घंटे से ज्यादा लाइन में लगे रहे जब बिल जमा कराने लगे तो जवाब मिला यह बढ़ा हुआ बिल देना होगा। जब अधिकारियों से मिले तो उनकी तरफ से भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। ऐसे में हम कहां जाएं।
उपभोक्ता महेंद्र कुमार और सतीश कुमार ने बताया कि बिजली निगम की यह मनमानी आम लोगों के लिए परेशानी बनी है। इस तरह सिक्योरिटी बढ़ाना ही गलत है। इससे भी बढ़ कर बात यह है कि इसे बिल में जोड़ा नहीं गया है। उपभोक्ता तो जितना बिल है उतने रुपये लेकर ही उसे जमा कराने के जाएगा। जब बिल खिड़की पर जमा करवाने लगते हैं तो पता चलता है कि आपका बिल ज्यादा है। उस समय उपभोक्ता के पास बताई गई राशि हो यह जरूरी तो नहीं। इसलिए उपभोक्ताओं को इस समस्या से निजात दिलाई जाए।
ऑनलाइन और मैनुअल बिलों में अंतर ने उड़ाई उपभोक्ताओं की नींद
आनलाइन और मैनुअल बिजली बिलों की राशि में अंतर ने उपभोक्ताओं की नींद उड़ा दी है। उनकी समझ नहीं आ रहा बिजली निगम ने उन पर यह बेवजह का बोझ वह भी बिना किसी सूचना के क्यों दिया है। फोन पर सूचना बहुत से लोग देख नहीं पाते। उपभोक्ता कह रहे हैं कि कम से कम जितना भी बिल आए वह मैनुअल बिल में दर्शाया जाना चाहिए ताकि उपभोक्ता परेशान न हों।
हेल्प डेस्क बनाया जाए
जब उपभोक्ता बिजली बिल जमा कराने के लिए आए तो उसको परेशानी का सामना न करना पड़े इसलिए बिजली निगम कार्यालय में बिल कांउटर के आस पास हेल्प डेस्क की स्थापना की जाए। यहां पर ऐसे कर्मचारी तैनात किए जाएं जो उपभोक्ता को संतुष्ट कर सके।
उपभोक्ताओं के पास फोन में मैसेज भेजे गए हैं
बिजली निगम भिवानी अभियंता राहुल सांगवान ने कहा कि बिलों में सिक्योरिटी जुड़ कर आने के मामले में उपभोक्ताओं के पास फोन में मैसेज भेज गए हैं। बिल जमा कराने के लिए कार्यालय आने वालों को समझाया भी जा रहा है। यह प्रयास किया जा रहा है कि आने वाले दिनों मेें जब बिल आएं तो उनमें यह राशि जुड़ कर आए। उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।