नियम 134-ए : निजी स्कूल संचालकों को नहीं हो रहा फीस का भुगतान, हो रही परेशानी

शिक्षा का अधिकार अधिनियम 134-ए के तहत निजी स्कूल संचालकों ने गरीब वर्ग के विद्यार्थियों का दाखिला तो कर दिया लेकिन अब फीस भुगतान को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। फीस को लेकर विवाद हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 09:14 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 09:14 PM (IST)
नियम 134-ए : निजी स्कूल संचालकों को नहीं हो रहा फीस का भुगतान, हो रही परेशानी
नियम 134-ए : निजी स्कूल संचालकों को नहीं हो रहा फीस का भुगतान, हो रही परेशानी

जागरण संवाददाता, हिसार : शिक्षा का अधिकार अधिनियम 134-ए के तहत निजी स्कूल संचालकों ने गरीब वर्ग के विद्यार्थियों का दाखिला तो कर दिया लेकिन अब फीस भुगतान को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। फीस को लेकर विवाद हो गया है। कई स्कूल ज्यादा फीस मांग रहे हैं जबकि शिक्षा विभाग देने को तैयार नहीं है। यही कारण है कि वर्ष 2016 से लेकर 2019 तक जिन स्कूलों ने सरकार और विभाग के नियम अनुसार फीस का बिल बनाकर भेजा, उनकी पेमेंट कर दी गई। अब शिक्षा विभाग ने शिक्षा सत्र 2019-20 में दाखिल हुए गरीब वर्ग के विद्यार्थियों की फीस की डिमांड भेजी है।

शिक्षा विभाग ने प्रावधान किया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम-134-ए के तहत गरीब वर्ग के मेधावी विद्यार्थियों का दाखिला निजी स्कूलों में हो सकेगा। इसके लिए टेस्ट के बाद मैरिट अनुसार निजी स्कूल अलाट किए गए। लेकिन फीस को लेकर निजी स्कूलों और शिक्षा विभाग के बीच विवाद हो गया। स्कूल संचालक ज्यादा फीस की डिमांड कर रहे हैं जबकि सरकार और शिक्षा विभाग निर्धारित मापदंड अनुसार ही फीस का भुगतान करने के लिए कह रहा है। लेकिन जिन स्कूलों ने सरकार की हिदायत और मापदंड अनुसार बिल बनाकर भेजे, उन सभी की पेमेंट विभाग की ओर क्लीयर कर दी गई। बताया जा रहा है कि हिसार जिला के प्रथम और द्वितीय ब्लाक के स्कूलों की पेमेंट रुकी है जबकि अन्य ब्लाक के स्कूलों की शिक्षा सत्र 2016-17, 2017-18 और 2018-19 की फीस का भुगतान कर दिया है।

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अब विभाग ने भेजा दो करोड़ से ज्यादा बजट भेजने का प्रस्ताव

शिक्षा सत्र 2019-20 में निजी स्कूलों में पढ़े विद्यार्थियों की फीस का भुगतान अभी तक निजी स्कूलों को नहीं हो पाया है। अभी विभाग स्कूलों से फीस का ब्योरा तैयार कर रहा है। विभाग ने शिक्षा सत्र 2019-20 की कक्षा दो से पांच के विद्यार्थियों को पढ़ाने की एवज में निजी स्कूलों को भुगतान करने के लिए करीब एक करोड़ 28 लाख 26 हजार का प्रस्ताव तैयार करके भेजा है। इसी प्रकार छठी से आठवीं के विद्यार्थियों को पढ़ाने की एवज में निजी स्कूलों को भुगतान के लिए एक करोड़ 32 लाख 91 रुपये का बजट तैयार करके शिक्षा विभाग में भेजा गया है।

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दो करोड़ से ज्यादा की डिमांड भेजी है : जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी

नियम 134-ए के तहत जिन निजी स्कूलों ने फीस का बिल बनाकर भेजा था, उन सभी को शिक्षा सत्र 2016 से लेकर 2019 तक का भुगतान कर दिया गया है। शिक्षा सत्र 2019-20 का भी करीब दो करोड़ 60 लाख रुपये का बजट बनाकर भेजा गया है।

- धनपत राम, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, हिसार।

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