रोहतक में तिहरे हत्याकांड की इकलौती चश्मदीद तमन्ना ने भी तोड़ा दम, हत्या की गुत्थी उलझी

रोहतक के विशाल नगर में शुक्रवार को ट्रिपल मर्डर हुआ था। तमन्ना गंभीर रूप से घायल थी। दो दिन बाद उसने भी दम तोड़ दिया है। पुलिस के हाथ अभी तक पुख्ता सुबूत नहीं लगे हैं। हत्याकांड की एकमात्र चश्मदीद प्रापर्टी डीलर की बेटी तमन्ना ही थी।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sun, 29 Aug 2021 10:11 AM (IST) Updated:Sun, 29 Aug 2021 10:11 AM (IST)
रोहतक में तिहरे हत्याकांड की इकलौती चश्मदीद तमन्ना ने भी तोड़ा दम, हत्या की गुत्थी उलझी
रोहतक के तिहरे हत्‍याकांड में अब तक कोई सुराग नहीं लगा है।

जागरण संवाददाता, रोहतक। रोहतक की विजय नगर कालोनी में ट्रिपल मर्डर की चश्मदीद तमन्ना की भी मौत हो गई है। वह दो दिन से पीजीआइ रोहतक में उपचाराधीन थी। शुक्रवार रात स्वजन उसे गुरुग्राम मेदांता अस्पताल में ले गए थे। वहां से शनिवार दोपहर उसे पीजीआइ वापस ले आए थे। यहां रविवार तड़के उसने दम तोड़ दिया। अब हत्याकांड की गुत्थी उलझ गई है।

वारदात शुक्रवार की है। विजय नगर कालोनी में दिनदहाड़े घर में घुसकर प्रापर्टी डीलर, उसकी पत्नी और सास की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। प्रपर्टी डीलर की बेटी गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गई थी। मूलरूप से सोनीपत जिले के आहुलाना - मदीना गांव का रहने वाला 45 वर्षीय प्रदीप उर्फ बबलू पहलवान प्रापर्टी डीलर का काम करता था। वह काफी समय से अपनी पत्नी 40 वर्षीय बबली, 17 वर्ष बेटी तमन्ना उर्फ नेहा और 15 वर्षीय बेटे अभिषेक के साथ विजय नगर में रहता था।

दो दिनों से उसकी सास 60 वर्षीय रोशनी भी आई थी। हत्यारों ने सभी के सिर और कनपटी पर गोली मारी। बबलू पहलवान, उसकी पत्नी बबली और बेटी तमन्ना को एक-एक गोली मारी गई थी। जबकि बबलू की सास रोशनी को दो गोलियां मारी गई थीं। वारदात जिस तरह से अंजाम दी गई, उससे लग रहा है कि हत्यारे पूरे परिवार को खत्म करने के मसद से ही आए थे। इसीलिए सबके सिर पर गोली मारी गई, ताकि किसी के बचने का कोई चांस न रहे।

15 वर्षीय बेटा नहीं था घर पर

इस हत्याकांड के समय प्रापर्टी डीलर का 15 वर्षीय  बेटा अभिषेक घर पर नहीं था। वह कोचिंग सेंटर गया हुआ था। इस वजह से वह बच गया। दोपहर करीब दो बजे अभिषेक कोचिंग से घर लौटा। काफी देर तक भी मेन दरवाजा नहीं खुला। इसके बाद वह पड़ोस के मकान से सीढ़ी लगाकर छत पर पहुंचा। पहली मंजिल पर बने कमरे के दरवाजे के नीचे से खून बह रहा था। इस पर उसने शोर मचा दिया। उसने मेन गेट खोला और उसके चाचा नान्हा के परिवार समेत आसपास के लोग वहां पहुंचे। उन्होंने कमरे का सेंट्रल लाक तोड़ा तो वहां बेड पर तमन्ना खून से लथपथ हालत में तड़प रही थी। उसकी मां बबली और नानी जमीन पर मृत हालत में पड़ी थी।इसके बाद नीचे वाले कमरे का सेंट्रल लाक तोड़ा गया। वहां पर प्रदीप का शव पड़ा हुआ था। इसके माथे में सटाकर गोली मारी गई थी। 

पीजीआइ में तमन्ना ने तोड़ा दम

आनन-फानन में वह तमन्ना को लेकर पीजीआइएमएस पहुंचे। शुक्रवार रात ही उसे मेदांता अस्पताल ले गए। वहां से शनिवार दोपहर फिर से पीजीआइ रोहतक ले आए। रविवार तड़के उसकी मौत हो गई। हत्याकांड की वह इकलौती चश्मदीद थी। पुलिस गुत्थी सुलझाने के लिए उसके होश में आने का इंतजार कर रही थी। लेकिन उसकी मौत के बाद गुत्थी और भी उलझ गई है। पुलिस के हाथ कोई ठोस सुबूत नहीं लगा है। पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी कैमरे खंगाले हैं। लेकिन कुछ सामने नहीं आया। हत्याकांड के शक की सुई किसी नजदीकी पर ही घूम रही है। 

क्या कहती है पुलिस

शिवाजी कालोनी थाना प्रभारी बलवंत सिंह ने कहा कि हत्याकांड में गोली लगने से घायल तमन्ना की मौत हो चुकी है। वारदात में मरने वालों की संख्या चार हो चुकी है। वारदात में पुलिस के हाथ अभी कोई सुबूत नहीं लगी है। पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है।

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