Rohtak News: गरीब परिवारों को 50-50 देशी मुर्गे के चूजे दिए जाएंगे मुफ्त, आर्थिक स्थिति मजबूत करने की पहल

योजना राजकीय पशुधन फार्म के अतंर्गत राजकीय हेचरी फार्म हिसार द्वारा चलाई जा रही है। इसके तहत जरूरतमंद परिवारों को 50-50 चूजे दो दो फीडर व ड्रींकर वितरित किए जाएंगें। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ रोहतक जिला के 40 परिवारों को दिया जाना है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 05:43 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 05:43 PM (IST)
Rohtak News: गरीब परिवारों को 50-50 देशी मुर्गे के चूजे दिए जाएंगे मुफ्त, आर्थिक स्थिति मजबूत करने की पहल
आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को मजबूत बनाने के लिए 50 चूजे देते हुए अधिकारी

जागरण संवाददाता, रोहतक : पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग द्वारा गवर्मेंट हेचरी फार्म के सहयोग से जिला के बीपीएल व अत्यंत गरीब परिवारों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की पहल की गई है। इसके तहत गांवों के अति गरीब परिवारों को मुर्गी पालन पर 50-50 देशी मुर्गी के चूजे (बच्चे) मुफ्त दिए जाएंगे। पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग के उपनिदेशक डा. सूर्या खटकड ने बताया कि पशुपालन विभाग द्वारा बैकयार्ड पोलट्री फार्म स्कीम क्रियान्वित की जा रही है। यह योजना राजकीय पशुधन फार्म के अतंर्गत राजकीय हेचरी फार्म हिसार द्वारा चलाई जा रही है। इसके तहत जरूरतमंद परिवारों को 50-50 चूजे, दो दो फीडर व ड्रींकर वितरित किए जाएंगें। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ रोहतक जिला के 40 परिवारों को दिया जाना है। उपमंडल महम में अनुसूचित जाति एवं गरीबी रेखा से निचे जीवन यापन कर रहे 14 परिवारों ने शुक्रवार को इस स्कीम का लाभ उठाया।

गांव स्तर पर होगा सर्वे

पशुपालन विभाग की टीम ने सर्वे कर गांवों के अति गरीब व्यक्तियों को चुना है। इसके आधार पर उन्हें मुर्गी के 10 से 15 दिन के चूजे प्रदान किए जा रहे हैं। इन चूजों के साथ दो-दो पानी के बर्तन व दाना डालने की ट्रे भी निशुल्क दी जा रही है। विभाग के इस कल्याणकारी कदम की लोग सराहना कर रहे हैं। जिला के अधिकतर गांवों में आज भी कुछ लोग गरीबी रेखा से जीवन यापन कर रहे हैं। ऐसे परिवारों को इस योजना से काफी मदद मिलेगी।

देशी मुर्गी पालन में आता है कम खर्चा

उपनिदेशक ने बताया कि देशी मुर्गी के पालन में अधिक खर्चा नहीं आता है। यह हर स्थिति में अपने को ढाल लेती है। बहुत कम समय में ही व्यक्ति इससे काफी लाभ कमा सकता है। ग्रामीण लोगों के पास गांवों में काफी जगह होती हैं, जिसमें आसानी से मुर्गी पालन किया जा सकता है। इस लिहाज से यह कदम बहुत ही सार्थक सिद्ध होगा।

आर्थिक रूप से मिलेगा सहयोग

चूजों के पालन से लोगों को काफी सहयोग मिलेगा। एक देशी मुर्गा की कीमत पांच सौ रुपये से लेकर छह सौ रुपये होती है, जो कि बहुत कम समय में तैयार हो जाते हैं। इनके पालन से निश्चित तौर पर काफी लाभ प्राप्त होगा।

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