रोहतक में 68 वर्षीय रिटायर्ड इंस्पेक्टर ने किया कमाल, 1 मिनट 5 सेकेंड में 400 मीटर दौड़े, जीता गोल्ड

हरियाणा मास्टर्स एथलेटिक चैंपियनिशप में जगत ने बेमिसाल प्रदर्शन किया और 400 मीटर की दौड़ महज 1 मिनट 05 सेकेंड में पूरी कर गोल्ड मेडल जीता। हरियाणा पुलिस से रिटायर्ड हुए जगत सिंह ने 100 मीटर व 300 मीटर की बाधा दौड़ में स्वर्ण पदक झटका।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 10:50 AM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 10:50 AM (IST)
रोहतक में 68 वर्षीय रिटायर्ड इंस्पेक्टर ने किया कमाल, 1 मिनट 5 सेकेंड में 400 मीटर दौड़े, जीता गोल्ड
पंचकूला में हुई हरियाणा मास्टर्स एथलेटिक चैंपियनिशप में जगत ने बेमिसाल प्रदर्शन किया

रोहतक, जेएनएन। प्रतिभा हो तो उसे दिखाने में उम्र भी बाधा नहीं बनती है। इसकी बानगी राेहतक के 68 वर्षीय रिटायर्ड इंस्पेक्टर जगत सिंह ने पेश की है। हाल ही में पंचकूला में हुई हरियाणा मास्टर्स एथलेटिक चैंपियनिशप में जगत ने बेमिसाल प्रदर्शन किया और 400 मीटर की दौड़ महज 1 मिनट 05 सेकेंड में पूरी कर गोल्ड मेडल पर कब्जा कर लिया। हरियाणा पुलिस से रिटायर्ड हुए जगत सिंह ने 100 मीटर व 300 मीटर की बाधा दौड़ में भी उम्दा प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक झटके हैं।

उनके इस टेलेंट के दम पर उनका चयन नेशनल मास्टर्स एथलेटिक चैंपियनशिप में हुआ है। जगत सिंह मलिक मूल रूप से महम चाैबीसी के मोखरा गांव के निवासी हैं। लेकिन वे परिवार सहित लंबे समय से रोहतक में ही रह रहे हैं। जगत सिंह अपनी फिटनेस को लेकर हमेशा संजीदा बने रहते हैं। उनका मानना है कि शरीर और मन को स्वस्थ रखने के लिए खेल आवश्यक है। इसी मान्यता के चलते वे राेजाना दौड़ आदि का अभ्यास करते हैं। जगत सिंह ने स्टेट व राष्ट्रीय स्तर पर हुई विभिन्न प्रतियोगिताओं में ढेरों मेडल जीते हुए हैं।

छोटा भाई अतर भी कम नहीं

उधर, जगत सिंह के छाेटे भाई रिटायर्ड वाइस प्रिंसीपल अतर सिंह भी कम नहीं हैं। वे भी अपने भाई के नक्से कदम पर चलकर मेडल जीत रहे हैं। 66 वर्षीय अतर सिंह मलिक ने भी पंचकूला में 100 और 200 मीटर दौड़ मुकाबलों में स्वर्ण पदर्क जबकि लंबी कूद मुकाबले में रजत पदक हासिल किए हैं। अतर सिंह का चयन भी नेशनल चैंपियनशिप में हुआ है। नेशनल चैंपियनशिप 20 से 24 मार्च तक छत्तीसगढ़ में होगी। अतर का कहना है कि बड़े भाई के मेडल देखकर ही दो साल पहले उन्होंने भी खेलों में जाने का मन बनाया था। तभी से मेडल जीत रहे हैं।

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