फतेहाबाद में सोल्ड टिकट बेचते हुए पकड़ा गया रोडवेज का कंडक्टर, फ्लाइंग टीम ने रंगे हाथों पकड़ा

फतेहाबाद में परिचालक पुरानी बेची गई टिकट को फिर से काटते हुए रोडवेज की फ्लाइंग टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया। लेकिन अब कार्यवाही रोडवेज के अधिकारियों को करनी है। वे इस मामले को लेकर कह रहे है कि ये तकनीकी गलती से वजह से हुआ है।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Tue, 07 Sep 2021 05:07 PM (IST) Updated:Tue, 07 Sep 2021 05:07 PM (IST)
फतेहाबाद में सोल्ड टिकट बेचते हुए पकड़ा गया रोडवेज का कंडक्टर, फ्लाइंग टीम ने रंगे हाथों पकड़ा
परिचालक के पास टिकट तो मिली, लेकिन गलती नहीं : ट्रैफिक इंचार्ज

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद। रोडवेज की कोरोना काल में आर्थिक हालत बेहद खराब है। महामारी के साथ इसके कर्मचारी भी इसे नुकसान पहुंचाने का मौका नहीं छोड़ रहे। जब गड़बड़ी करते हुए कोई कर्मचारी पकड़ा जाता है तो उस पर कार्रवाई करने की बजाए उसे बचाने में राजनीतिक दबाव में बड़े अधिकारी जुट जाते है। मंगलवार को भी एक ऐसा ही मामला सामने आया। परिचालक पुरानी बेची गई टिकट को फिर से काटते हुए रोडवेज की फ्लाइंग टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया। लेकिन अब कार्यवाही रोडवेज के अधिकारियों को करनी है। वे इस मामले को लेकर कह रहे है कि ये तकनीकी गलती से वजह से हुआ है। इसमें परिचालक सीधा दोषी नहीं है।

चैकिंग के दौरान सामने आया मामला

दरअसल, मंगलवार सुबह सरदूलगढ़ से रतिया आ रही रोडवेज की बस की हांसपुर के पास चैकिंग की गई। फतेहाबाद फ्लाइंग बस 1 की टीम द्वारा की गई चैकिंग में सामने आया कि परिचालक ने रूट पर जाने से पहले बुकिंग ब्रांच से बनाए गए वे बिल में 15 रुपये की टिकट को नहीं दर्शाया। जबकि परिचालक के पास करीब बुकिंग ब्रांच के रिकार्ड के अनुसार दो दिन पहले सोल्ड हो चुकी 15-15 रुपये की 61 के करीब टिकट मिली। इतना ही नहीं बस में मौजूद सवारियों के पास भी शोल्ड हो चुकी 15 रुपये की 9 टिकट काटी हुई मिली।  ऐसे में उसके पास पहले 15 रुपये की 70 टिकट थी। रोडवेज फ्लाइंग टीम ने रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेज दी। जिसमें परिचालक पर गंभीर आरोप लगाते हुए उचित कार्रवाई की मांग की है। 

रूट पर जाने से पहले टिकट का ब्योरा होता है अंकित

जब परिचालक को किसी रूट पर भेजा जाता है तो उसका वे बिल बनाया जाता है। यह बिल बुकिंग ब्रांच से तैयार होता है। जिसमें परिचालक के पास कितने रुपये की टिकट है। खुद के पास कितने रुपये है। इसका ब्योरा दर्ज किया जाता है। इसके बाद बुकिंग ब्रांच का अधिकारी भी हस्ताक्षर करता है। इसकी एक छायाप्रति ब्रांच में भी रहती है। आरोप है कि सरदुलगढ़ से रतिया आ रहे परिचालक के पास जो 15 रुपये की टिकट मिली है। उसी नंबर की बुकिंग ब्रांच के अनुसार दो दिन पहले यात्रियों की काटते हुए रुपये भी जमा करवाए जा चुके है।

परिचालक के पास टिकट तो मिली, लेकिन गलती नहीं : ट्रैफिक इंचार्ज

रोडवेज डिपो फतेहाबाद के ट्रैफिक इंचार्ज कृष्ण गोपाल मेहता ने बताया कि परिचालक के पास पुरानी टिकट तो मिली है। लेकिन यह बुकिंग ब्रांच की गलती है। वहां उसे इस चढ़ाया नहीं गया। इसकी जांच चल रही दोषी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई के लिए सरकार को पत्र भेजा जाएगा।

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