Ritu Faugat ने इस Professional fight के दंगल में भी खुद को किया साबित, पहली ही फाइट में विजेता

Commonwealth Wrestling Championship में स्वर्ण पदक पर कब्जा करने वाली रितु फौगाट ने खुद को प्रोफेशनल फाइट में भी साबित किया और जीत दर्ज की।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 17 Nov 2019 10:20 AM (IST) Updated:Mon, 18 Nov 2019 08:47 AM (IST)
Ritu Faugat ने इस Professional fight के दंगल में भी खुद को किया साबित, पहली ही फाइट में विजेता
Ritu Faugat ने इस Professional fight के दंगल में भी खुद को किया साबित, पहली ही फाइट में विजेता

चरखी दादरी [सचिन गुप्ता]। विजेता कहीं भी हों। किसी भी क्षेत्र में हों। वह विजेता ही रहते हैं। 2016 में सिंगापुर में आयोजित Commonwealth Wrestling Championship में स्वर्ण पदक पर कब्जा करने वाली रितु फौगाट ने इसे एक बार फिर रेखांकित कर दिया है। रितु ने इसी वर्ष फरवरी में कुश्ती को अलविदा कह मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स (एमएमए) में एंट्री मारी और अपनी पहली ही प्रोफेशनल फाइट जीत ली।

हरियाणा के चरखी दादरी जिले के गांव बलाली की रितु फौगाट बलाली सिस्टर्स के नाम से प्रसिद्ध बहनों गीता फौगाट-बबीता फौगाट की छोटी बहन है। गीता-बबीता और पिता महावीर के जीवन पर आमिर खान ने फिल्म दंगल बनाई तो यह परिवार पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो गया।

2 मई 1994 को जन्मी रितु की खुशकिस्मती थी कि उसे पहलवान महावीर फौगाट जैसा पिता मिला जो उसके कोच भी थे और मार्गदर्शक भी। रितु से बड़ीं बहनें गीता और बबीता पिता महावीर फौगाट की इच्छा के अनुसार पहले से ही कुश्ती का प्रशिक्षण ले रही थीं। आठ वर्ष की होते-होते रितु भी अखाड़े में पहुंच गई।

खिलौनों से खेलने की उम्र में रितु बाखुशी हर सुबह बहन गीता और बबीता के साथ कई किलोमीटर की दौड़ लगाती। फिर व्यायाम करती। उसके बाद बहनों के साथ घंटों अखाड़े में अभ्यास करती। और ऐसा नहीं कि पढ़ाई न करती हो। गांव के ही सरकारी स्कूल में नियमित पढऩे जाती। अच्छे अंकों से पास होती। स्कूली शिक्षा पूरी हुई तो समीप के गांव झोझू कलां स्थित महिला महाविद्यालय में प्रवेश लिया और स्नातक की डिग्री हासिल की। अखाड़े में भी मेडल जीतने का क्रम तो चलता ही रहा।

द्रोणाचार्य अवॉर्डी पिता महावीर फौगाट द्वारा दिए गए प्रशिक्षण का परिणाम रहा कि रितु ने सन 2016 में सिंगापुर में आयोजित Commonwealth Wrestling Championship में स्वर्ण पदक पर कब्जा कर लिया। 2016 में ही प्रो-रेसलिंंग लीग में जयपुर निंजा टीम ने रितु पर सबसे अधिक 36 लाख रुपये की बोली लगाई । 2017 में पोलैंड में आयोजित वल्र्ड अंडर-23 रेसलिंग चैंपियनशिप में रितु सिल्वर मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनी।

फैसले को सही साबित किया

25 वर्षीय रितु ने इसी वर्ष फरवरी में कुश्ती को अलविदा कर मिक्सड मार्शल आट््र्स में जाने का फैसला लिया। रितू के इस फैसले में उनके पिता व परिवार के अन्य सदस्यों ने उनका साथ दिया। तब से रितु ङ्क्षसगापुर में एमएमए का प्रशिक्षण ले रही है। उसके मिक्सड मार्शल आट्र्स में जाने के फैसले पर उसकी बड़ी बहन अर्जुन अवॉर्डी बबीता फौगाट ने कहा था कि रितु ने काफी सोच समझ कर तथा परिवार वालों से बात के ही फैसला लिया है, उसकी मार्शल आर्ट में पहले से रुचि थी। रितु ने अपनी पहली प्रोफेशनल फाइट जीतकर अपने फैसले को सही साबित कर दिखाया है।

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