साझेदारी व सेवा के संस्कार पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ने जरूरी : हिना
जागरण संवाददाता हिसार होली होम पब्लिक स्कूल में मुख्य शिक्षिका हिना कथूरिया ने साझेदार
जागरण, संवाददाता, हिसार : होली होम पब्लिक स्कूल में मुख्य शिक्षिका हिना कथूरिया ने साझेदारी और सेवा के बारे में बताते हुए कहा कि यह दोनों अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। इन्हीं से तो मानव जीवन सुंदर व श्रेष्ठ बनता है, अन्यथा तो यह पशु जीवन से भी तुच्छ बन जाएगा। बचपन, किशोर अवस्था, युवा अवस्था तथा वृद्धावस्था यह चारों अवस्थाएं सभी मनुष्यों के जीवन में आती है। मनुष्य इन चारों अवस्थाओं को तभी सुखपूर्वक जी पाता है जब परिवार में आपसी साझेदारी व सेवा भाव जैसे मूल्य हों। ये दोनों मूल्य एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में रोपित होने अति आवश्यक हैं। मनुष्य जीवन की चारों अवस्थाएं परस्पर निर्भर होती है।
बचपन की अवस्था जो कि बेहद नाजुक होती है इसे विकसित होने के लिए परिवार की युवा व विशेषकर वृद्ध पीढ़ी का सहारा चाहिए होता है। उनके सानिध्य में बचपन एक सुंदर व सुखद स्वप्न सरीखा लगता है क्योंकि वे बच्चों को अपार स्नेह देते हैं। बच्चे उनसे अपनी हर बात खुलकर सांझा करते हैं। बच्चों को वे सदैव अपने सहयोगी व साथी जैसे प्रतीत होते हैं क्योंकि वे उनके सुख-दुख, अच्छी व नटखट हरकतों में हमेशा उनके साथ खड़े होते हैं। यह वो समय होता है जब बच्चों की बारी होती है उनके लिए अपनी साझेदारी निभाने की। उनकी सेवा करने की जैसे हमारा लालन-पालन उन्हें कभी बोझ नहीं लगा।
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हिना कथूरिया, मुख्य शिक्षिका, होली होम पब्लिक स्कूल, बरवाला (हिसार)