Haryana weather update: ठंड से राहत, मगर धुंध ने बढ़ाई आफत, हरियाणा में दो-तीन दिन तक छाएगी घनी धुंध
एक दिन पहले जहां दिन का तापमान 27 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था तो बुधवार को यह कम होकर 25 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। 12 फरवरी तक खुश्क मगर परिवर्तनशील रहेगा। इसके साथ ही बीच-बीच में हल्के बादल तापमान में हल्की बढ़ोतरी रहने की संभावना है।
हिसार, जेएनएन। हिसार शहर में मौसम फिर से परिवर्तित दिख रहा है। वीरवार को रात्रि तापमान 7.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, यह सामान्य तापमान से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक है। इसके साथ ही धुंध ने वाहनों की रफ्तार काे धीमा कर दिया। धुंध की वजह से दृश्यता 55 मीटर तक पहुंच गई। धुंध ने वाहनों की रफ्तार पर लगाम लगाने का काम किया है। पिछले दिनों से जहां हल्की धुंध देखने को मिली रही थी ताे अब दो से तीन दिनों से अधिक धुंध देखने को मिल सकती है। वहीं बादलों के कारण दिन के तापमान में हल्की गिरावट शुरू भी हो गई है। एक दिन पहले जहां दिन का तापमान 27 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था तो बुधवार को यह कम होकर 25 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। मौसम विज्ञानियों की मानें आगे रात्रि तापमान में कमी और अल सुबह धुंध भी देखने को मिलेगी।
12 फरवरी तक मौसम परिवर्तनशील, छाएंगे बादल
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि राज्य में मौसम आमतौर पर 12 फरवरी तक खुश्क मगर परिवर्तनशील रहेगा। इसके साथ ही बीच-बीच में हल्के बादल, तापमान में हल्की बढ़ोतरी रहने की संभावना है। इस दौरान हवा उत्तर पश्चिमी से उत्तर पूर्वी होने की सम्भावना से अलसुबह धुंध भी संभावित है।
धुंध का क्या कारण है
हाल ही में आया पश्चिमी विक्षोभ जब पहाड़ी क्षेत्रों में गया तो वहां बर्फवारी की। जिसके कारण पहाड़ी क्षेत्रो से चली हवाओं ने मैदानी क्षेत्र में धुंध और रात्रि के समय सर्दी बढ़ाने का काम किया है। यह हवा उत्तर पश्चिमी हवा हैं। जो अकसर पहाड़ी क्षेत्रों से होते हुए मैदानी क्षेत्रों की तरफ आती हैं।
क्या होता है पश्चिमी विक्षोभ
पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यरेखा-क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली वह बाह्य- उष्ण कटिबंधीय आंधी है जो सर्दी में भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भागों में बारिश ले आती है। बारिश मानसून की बरसात से भिन्न होती है। बाह्य-उष्णकटिबंधीय आंधियां विश्व में सब जगह होती हैं। नमी सामान्यतः ऊपरी वायुमंडल तक पहुंच जाती है, जबकि उष्ण कटिबंधीय आंधियों में आर्द्रता निचले वायुमंडल में बनी रहती है। भारतीय महाद्वीप में जब ऐसी आंधी हिमालय तक जा पहुंचती है तो नमी कभी-कभी बरसात के रूप में बदल जाती है।