हरेरा से आरसिटी को मिली राहत मगर अगली सुनवाई में आडिट रिपोर्ट पर सुनी जाएंगी दलीलें

हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (हरेरा) में आरसिटी को राहत मिल गई है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 05:12 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 05:12 AM (IST)
हरेरा से आरसिटी को मिली राहत मगर अगली सुनवाई में आडिट रिपोर्ट पर सुनी जाएंगी दलीलें
हरेरा से आरसिटी को मिली राहत मगर अगली सुनवाई में आडिट रिपोर्ट पर सुनी जाएंगी दलीलें

जागरण संवाददाता, हिसार।

हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (हरेरा) में आरसिटी मामले की सुनवाई के बाद शुक्रवार को आदेश आया। जिसमें आरसिटी को कुछ राहत जरूर मिलती दिख रही है। इसमें हरेरा ने अपनी मंशा जाहिर करते हुए बताया कि वह चाहते हैं कि प्रोजेक्ट पूरा हो और लोगों को घर मिले। इसमें प्रोजेक्ट का लाइसेंस ट्रांसफर होने की प्रक्रिया भी पूरी कर दी गई है। इसके साथ ही हरेरा ने बताया है कि वह कोई आपराधिक प्रक्रिया नहीं चाहते। बिल्डर की तरफ से आडिट रिपोर्ट में खामियां बताई गई थी इस पर हरेरा ने कहा है कि वह अगली सुनवाई में इस मामले पर एक घंटा सुनेंगे। तब ही इसकी बात की जाएगी। बहरहाल आरसिटी बिल्डर्स को हरेरा के ताजा फैसले से कुछ राहत जरूर मिली है।

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दूसरे आडिट में शत फीसद लगी है धनराशि

हरेरा ने यह भी बताया है कि दूसरे आडिट में दिख रहा है कि प्रोजेक्ट में शत फीसद रुपये लगाए गए हैं। इसके साथ ही सात खरीददार इस प्रोजेक्ट में पजेशन नहीं लेना चाहते हैं। वहीं विला की रजिस्ट्रियां खोल दी गई हैं। अब विला की खरीद बिक्री से जो धनराशि आएगी उसे प्रोजेक्ट में निवेश किया जाएगा।

वहीं बिल्डर की तरफ से बताया गया है कि पहले फेज का 85 फीसद काम हो चुका है। वहीं महीने-महीने फ्लैट खरीददारों के साथ बैठक कर प्रोजेक्ट की प्रगति पर बैठक करने के लिए भी हरेरा ने कहा है।

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अभी भी अड़चनें है सामने

- जो लोग पजेशन नहीं लेना चाहते हैं उन्हें ब्याज व प्रोजेक्ट की कास्ट भी वापस करनी होगी।

- सुप्रीम कोर्ट में अगर बिल्डर के खिलाफ आदेश आया तो प्रोजेक्ट में दिक्कतें पेश आ सकती हैं।

- हरियाणा सरकार का नियम है कि 67 फीसद लोग जब तक अपनी स्वीकृति नहीं देते तब तक लाइसेंस ट्रांसफर नहीं हो सकता।

- प्रोजेक्ट को 11 वर्ष हो चुके हैं ऐसे में हर काम काफी महंगा हो चुका है ऐसे में कैसे प्रोजेक्ट पूरा होगा जब अभी इतनी समस्याएं हैं।

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