अपने जन्मदिन पर भी राज्यसभा सदस्य डीपी वत्स ने किए आंखों के मुफ्त ऑपरेशन, बड़ी उपलब्धियां है इनके नाम
आज शनिवार को डीपी वत्स के 71 वें जन्मदिन पर सबसे पहले उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने सबसे पहले उनको शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ भाजपा के स्टेट और नेशनल हेडक्वार्टर से भी फोन पर डीपी वत्स को शुभकामनाएं दीं
हिसार, जेएनएन। लेफ्टिनेंट जरनल डीपी वत्स का आज जन्मदिन है। वह 71 साल के हो गए हैं। उनका जन्म हिसार के गांव थुराना में हुआ था। उनके पिता नाम शिवधन था वह अध्यापक और किसान थे। उनकी माता हरकौर 95 साल की हैं और वह डीपी वत्स के साथ रहती हैं। राज्यसभा सदस्य डीपी वत्स ने अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में आंखों का मुफ्त ऑपरेशन कर जन्मदिन मनाया।
हालांकि उन्होंने दो ही ऑपरेशन किए। उनका कहना है कि वह कभी जन्मदिन सेलिब्रेट नहीं करते। वह पेशे से एक फौजी है और फौजी मैदान-ए-जंग में हमेशा तैयार रहता है इसलिए वह मेडिकल कॉलेज में आज भी निश्शुल्क सेवाएं दे रहे हैं। डीपी वत्स का कहना है कि उनको सर्जरी करने में मजा आता है आज जन्मदिन पर फोन अधिक आ रहे हैं इसलिए वह सिर्फ दो ऑपरेशन ही कर पाए। जब भी उनको फुर्सत मिलती है वह अग्रोहा मेडिकल कॉलेज चले आते हैं।
आज शनिवार को उनके 71 वें जन्मदिन पर सबसे पहले उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने सबसे पहले उनको शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़, भाजपा के स्टेट और नेशनल हेडक्वार्टर से भी फोन पर डीपी वत्स को शुभकामनाएं दीं। डीपी वत्स ने कहा कि वह अपना जन्मदिन कभी नहीं मनाते और सब से अपने जन्मदिन को छिपाकर रखते हैं। इसलिए जिनको पता लग गया उन्होंने आज फोन कर शुभकामनाएं दे दी। मैं उन सभी का दिल की गहराइयों से आभार व्यक्त करता हूं। परम
पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व राष्ट्रपति का कर चुके हैं ऑपरेशन
लेफ्टिनेंट जरनल डीपी वत्स पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का आंखों का ऑपरेशन कर चुके हैं। जून 2003 में जब वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री तो डीपी वत्स ने ही उनके आखों की सर्जरी की थी। वत्स देख के जाने माने अच्छे सर्जन हैैं और एलुमेट आम्र्स फोर्स मेडिकल कालेज पुणे के पूर्व निदेशक एवं कमांडेंट रह चुके हैैं। मई 2011 से अप्रैल 2012 के बीच वह हरियाणा लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष रह चुके हैं। हरियाणा लोक सेवा आयोग का चेयरमैन पद छोडऩे के बाद डीपी वत्स ने हांसी में राज्य स्तरीय जनसभा कर सक्रिय राजनीति में आने का एलान किया था।
वाजपेयी की बाते आज भी याद आती हैं...
डीपी वत्स ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जब उन्होंने आंखों का आपरेशन किया तो उनको भूख लग आई। वाजपेयी जी ने खाने की इच्छा जाहिर की मगर मैंने खाना खाने के लिए मना कर दिया। इसके अलावा एक बार उन्होंने ऑपरेशन के बाद घर बुलाया। वह गेट पर मुझे रिसिव करने आए। उन्होंने पूछा कि मैं पब्लिक के बीच कब जा सकता हूं। मैंने उनको कहा अभी तो आप नहीं जा सके। तब वाजपेयी जी ने हंसते हुए कहा कर्नल साहब यह हिंदुस्तान है और यहां कुछ राजनीतिक मजबूरियां होती हैं।
गांव से शुरू किया शिक्षा का सफर
डीपी वत्स ने गांव से ही दसवीं की पढ़ाई की। इसके बाद डीएन कॉलेज हिसार में पढ़े। फिर मेडिकल कॉलेज रोहतक में डॉक्टरी की पढ़ाई की। एएफएमसी पुणे में भी इन्होंने सेवाएं दी। ऑल इंडिया मेडिकल इंटीटयूट ऑफ साइंस दिल्ली में भी डीपी वत्स काम कर चुके हैं।
खाप पंचायतें निकाल सकती हैं किसान आंदोलन का समाधान
डीपी वत्स का कहना है कि किसान आंदोलन प्रैस्टिज इश्यू बन चुका है। हालांकि खाप पंचातयों ने इसको स्पोर्ट किया है। मगर अब कोरोना महामारी फैल चुकी है और 300 से अधिक किसान आंदोलन में मर चुके हैं। ऐसे में खाप पंचायतों को आगे आकर मसले को सुलझाने का काम करना चाहिए। खाप पंचायत बड़े से बड़ी समस्या हल निकाल सकती है। अगर खाप पंचायत इस मामले में आगे आएगी तो वह भी पहल करेंगे। इस मामले में भाईचारे को बरकार रखने और सौहादर्य को बनाए रखने के लिए खाप पंचायतों को आगे आना चाहिए।