बारिश और सर्द हवाओं ने बढ़ाई ठंड, सूर्य देव के नहीं हो रहे दर्शन, सेहत का रखें विशेष ख्‍याल

डॉक्‍टरों का कहना है कि इस मौसम में बच्चों के हाथ व कानों को पूरी तरह से ढककर रखें। अगर वह बीमार होते हैं तो घर पर उपचार करने के बजाय किसी बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह लें। इसके साथ ही धूप निकलने पर बच्चों को धूप में जरूर बैठाएं।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Sun, 03 Jan 2021 03:53 PM (IST) Updated:Sun, 03 Jan 2021 06:58 PM (IST)
बारिश और सर्द हवाओं ने बढ़ाई ठंड, सूर्य देव के नहीं हो रहे दर्शन, सेहत का रखें विशेष ख्‍याल
पांच जनवरी तक बादल छाने और बूंदाबांदी वाला मौसम बने रहने के आसार जताए गए हैं

हिसार, जेएनएन। हिसार की सर्दी दिसंबर भर से लोगों के हाथ पैर जमा रही है। अब शनिवार सुबह आई बारिश और सर्द हवाओं ने दिन को भी ठंडा बना दिया है। आलम यह है कि लोग घर में रहना मुनासिब समझ रहे हैं। इसके साथ ही यात्रा के लिए चौपहिया वाहनों का प्रयोग जमकर कर रहे हैं। बीते वीरवार, शुक्रवार को तो लोग दो-दो रजाई तक ओढऩे को मजबूर हो गए। शनिवार को हुई बारिश के कारण दिनभर धूप नहीं निकली।

रविवार को भी यही आलम रहा। दिन में तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम रहकर 17 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। वहीं न्‍यूनतम तापमान 2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बच्चे और बुजुर्गों ने घर में ही हीटर और अलाव के सामने अपना दिन गुजारा। इसके साथ ही बदलते मौसम में स्वास्थ्य को लेकर भी चिंताएं बढ़ती दिखाई दे रही हैं। इसके साथ-साथ किसानों को भी फसलों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। पांच जनवरी तक इसी तरह का मौसम बने रहने की संभावना जताई गई है।

बच्चों का रखें विशेष ध्यान

बाल रोग विशेषज्ञ डा. भूमिका ने बताया कि इस मौसम में बच्चों के हाथ व कानों को पूरी तरह से ढंककर रखें। अगर वह बीमार होते हैं तो घर पर उपचार करने के बजाय किसी बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह लें। इसके साथ ही धूप निकलने पर बच्चों को धूप में जरूर बैठाएं। इसके साथ ही सर्दी के मौसम से बचने के कम से कम सफर करें। छोटे बच्चों को सर्दी-जुकाम संक्रमित के संपर्क में न आने दें। इसके साथ ही गर्म तरल पदार्थ दें। सर्दी लग भी जाए तो भाप दे सकते हैं। इसी प्रकार बुजुर्गों का भी विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।  

पाले से फसलों का ऐसे करें बचाव

पाले का हानिकारक प्रभाव अगेती सरसों, आलू, फलों व सब्जियों की नर्सरी तथा छोटे फलदार पौधों पर पड़ सकता है। इससे बचाव के लिए किसान यदि पानी उपलब्ध हो तो विशेष कर इन फसलों, सब्जियों व फलदार पौधो में ङ्क्षसचाई करें ताकि जमीन का तापमान बढ़ सके। किसान भाई खेत के किनारे पर तथा 15 से 20 फीट की दूरी के अंतराल पर जिस और से हवा आ रही है, रात्रि के समय कूड़ा कचरा सूखी घास आदि एकत्रित कर धुआं करना चाहिए ताकि वातावरण का तापमान बढ़ सके जिससे पाले का हानिकारक प्रभाव न पड़े। सीमित क्षेत्र में लगी हुई फल व सब्जियों की नर्सरी को टाट, पॉलीथिन व भूसे से ढंके।

chat bot
आपका साथी