कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में पंजाब के किसान की मौत, 10 दिन पहले ही आया था
पंजाब के एक किसान की मौत हो गई है। वजह अभी साफ नहीं हो पाई है। पुलिस जांच कर रही है। मृतक की पहचान 65 वर्षीय लाभ सिंह के तौर पर हुई है। वह बठिंडा जिले के गांव टयोना का रहने वाला था। वह फ्लाईओवर के पास ठहरा हुआ था
बहादुरगढ़, जेएनएन। कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में सोमवार की सुबह पंजाब के एक किसान की मौत हो गई है। वजह अभी साफ नहीं हो पाई है। पुलिस जांच कर रही है। मृतक की पहचान 65 वर्षीय लाभ सिंह के तौर पर हुई है। वह बठिंडा जिले के गांव टयोना का रहने वाला था। बताया जा रहा है कि वह बहादुरगढ़ बाईपास पर झज्जर रोड के फ्लाईओवर के पास ठहरा हुआ था। रविवार की रात खाना खाकर तंबू में साे गया था। सुबह काफी देर तक जब वह नही उठा तो अन्य आंदोलनकारियों ने उसे संभाला। उसकी मौत हो चुकी थी।
इसके बाद आसपास में अन्य आंदोलनकारी भी जुट गए। पुलिस को सूचना दी गई। इस पर एचएल सिटी चौकी से टीम मौके पर पहुंची। शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भेजा गया। मृतक के साथ तंबू में रहने वाले आंदोलनकारियों से पूछताछ की जा रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि मृतक किसान को बुखार तो नहीं था। एचएल सिटी चौकी प्रभारी ने बताया कि लाभ सिंह 7 मई को ही आंदोलन में आया था। उसकी मौत की सूचना स्वजनों को दे दी गई। उनके यहां पहुंचने के बाद बयान दर्ज किए जाएंगे।
उसके आधार पर कार्यवाही की जाएगी। बतां दें कि आंदोलनकारियों ने बहादुरगढ़ में टीकरी बॉर्डर पर 27 नवंबर 2020 को डेरा डाला था। तब से लेकर अकेले टीकरी बॉर्डर पर ही काफी आंदोलनकारियों की मौत हो चुकी है। पिछले दिनों आंदोलन में बंगाल से आई एक 25 वर्षीय युवती की तो कोरोना से मौत हो गई थी। इससे यह तो साफ हो गया था कि आंदोलन में कोराेना संक्रमण तो फैला हुआ है, मगर आंदोलनकारी इसके प्रति गंभीर नहीं हैं।
बता दें कि आंदोलन शुरू हुए छह महीने बीत चुके हैं और देशभर के कई राज्यों में बीमारी व अन्य कारणाों से कई किसानों की मौत हो चुकी है। वहीं टिकरी बॉर्डर पर भी 50 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है। अब बीच में कई दिनों से बंगाल की युवती की मौत के अलावा कोई मौत की खबर नहीं थी। मगर अब एक नई घटना सामने आई है।