सिरसा में लेफ्ट-राइट के नियम का विरोध, दुकानदार और प्रशासन हुए आमने-सामने

सिरसा में लेफ्ट-राइट नियम के विरोध में दुकानदार और प्रशासन आमने-सामने आ गए। प्रशासन के फ्लैग मार्च के विरोध में दुकानदार सड़क पर उतर आए। एसडीएम ने नियम तोड़ने वालों पर 5 हजार का जुर्माना करने के आदेश दिए। इसके बाद दुकानदारों ने नियम से दुकानें खोलीं।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 05:18 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 05:18 PM (IST)
सिरसा में लेफ्ट-राइट के नियम का विरोध, दुकानदार और प्रशासन हुए आमने-सामने
सिरसा में लेफ्ट-राइट नियम के विरोध में प्रशासनिक अधिकारियों की गाड़ियों के पास नारेबाजी करके निकलते दुकानदार।

सिरसा/डबवाली, जेएनएन। सिरसा के डबवाली में प्रशासन और दुकानदारों में टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। महामारी अलर्ट सुरक्षित हरियाणा के नियम लागू करवाने के लिए एक ओर प्रशासन फ्लैग मार्च निकाल रहा था। वहीं, दूसरी तरफ दुकानदार प्रदर्शन करने सड़क पर उतर गए। न्यू बस स्टैंड रोड पर आमना-सामना हो गया।

दुकानदारों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लेफ्ट-राइट बंद करो के नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारी आगे बढ़ चले। तब तक फ्लैग मार्च निकाल रहे एसडीएम अश्विनी कुमार, डीएसपी कुलदीप बैनीवाल, कार्यकारी अधिकारी सुमन लता समेत पुलिस की गाड़ियों के पहिये थमे रहे। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे नरेश सेठी ने माइक से कहा कि वे किसी अधिकारी से बीच सड़क बातचीत नहीं करेंगे। जिस अधिकारी को बातचीत करनी है, वह गांधी चौक पर दुकानदारों के बीच आ सकता है। टकराव टलने से दोनों पक्षों ने राहत की सांस ली। 

दुकानदारों के रवैये पर एसडीएम भड़के

दुकानदारों के रवैये पर एसडीएम गुस्सा गए। बीच सड़क उन्होंने शहर थाना प्रभारी जितेंद्र, नगरपरिषद के अस्थायी सफाई निरीक्षक कंवल को आदेश दिए कि जो दुकानदार नियम तोड़ता है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। कम से कम 5000 रुपये का चालान किया जाए। एसडीएम ने पुलिस तथा नगर परिषद को शहर में लगातार राउंड लगाने के आदेश दिए। सख्ती हुई तो शहर पूरी तरह से बंद हो गया। दुकानदारों ने लेफ्ट-राइट के नियमानुसार दुकानें खोलीं।

फ्लैग मार्च के विरोध में बंद रखीं दुकानें

सुबह 9 बजे दुकानदार गांधी चौक से प्रदर्शन करते हुए चल दिए। कालोनी रोड पर दुकानें खुली हुई थीं। उन्हें बंद करवाते हुए सहयोग मांगा। देखते ही देखते दुकानों के शटर गिरने लगे। चौटाला रोड, न्यू बस स्टैंड रोड, मीना बाजार से होते हुए दुकानदार वापस गांधी चौक पर पहुंचे। सुबह 11 बजे तक कोई अधिकारी बातचीत करने के लिए नहीं आया तो आंदोलनकारियों की पैरवी कर रहे दुकानदार नरेश सेठी ने भूख हड़ताल शुरू करने की चेतावनी दे दी। दुकानदारों ने उन्हें मनाया और साथ ले गए। इधर दुकानदारों ने 11 बजे तक दुकानें बंद रखकर फ्लैग मार्च का विरोध किया।

शराब ठेके का चालान कटा

फ्लैग मार्च के दौरान चौधरी देवीलाल शॉपिंग कांप्लेक्स के समीप शराब ठेका खुला मिला। नियमानुसार उसकी बारी नहीं थी, तो नगर परिषद ने उसका 5000 रुपये का चालान काट दिया। शहर में पहला मौका है, जब किसी शराब ठेके का चालान कटा। देर रात तक शराब ठेके खुलने का मामला उठाकर ही दुकानदार नियमों में छूट मांग रहे थे। शराब ठेके का चालान कटा तो दुकानदार भी सकपका गए। नियमों के विपरीत किसी की दुकान खोलने की हिम्मत नहीं हुई। वहीं फ्लैग मार्च लघुसचिवालय से शुरू होकर वहीं समाप्त हो गया।

सोशल मीडिया के जरिये भेजा ज्ञापन

अधिकारी बात सुनने नहीं आए तो दुकानदारों ने सोशल मीडिया के जरिये ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में लिखा कि प्रशासन द्वारा कल दुकानदारों को अनाउंसमेंट कर धमकाने की कार्रवाई की गई है। व्यापारी प्रशासन की इस अनाउंसमेंट का विरोध करते हैं। दुकानदारों की ओर से प्रशासन को 4 बार लिखित में हमारी मांगे दी गई हैं। पर प्रशासन ने हमारी मांगों की तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया। हरियाणा सरकार के किसी भी नुमाइंदे ने व्यापारियों की समस्या जानने का प्रयास नहीं किया और सरकार तक मांगें नहीं पहुंचाई। दुकानदारों के ऊपर कभी लेफ्ट राइट, कभी ऑड-ईवन के नए-नए कानून थोपे जा रहे हैं। इससे दुकानदार बहुत परेशान हो रहे हैं। प्रशासन को यह समझना चाहिए अगर बाजार में 10 ग्राहक आएंगे और पांच दुकानें खुली होंगी तो हर दुकानदार को दो ग्राहक मिलेंगे अगर 10 दुकानें खुली होंगी तो हर दुकानदार के हिस्से 1-1 ग्राहक आएगा। भीड़ कम होगी तो महामारी कम फैलेगी।

सिरसा रोड पर जबरदस्त विरोध

इधर सिरसा रोड पर दुकानदारों ने फ्लैग मार्च का विरोध जताया। दरअसल, पुलिस दुकानें बंद करवा रही थी। दुकानदारों ने ऐसा करने से मना किया तो बात बिगड़ गई। एक दुकानदार ने कहा कि उसकी बेटी बीएड कर रही है, बेटा कमाने लायक नहीं हुआ है। वह अकेला कमाता है, दुकान का किराया सात हजार रुपये है। फीस भरने के साथ-साथ रोटी खाने लायक पैसे नहीं है। एसएचओ जितेंद्र भावुक हो गए, उन्होंने कहा कि मेरे घर चल, मैं रोटी खिला दूंगा। इसी दौरान एक पुलिस वाले ने दुकानदारों को डंडा दिखाकर डराने का प्रयास किया तो बवाल मच गया। दुकानदारों ने नारेबाजी शुरु कर दी। एसडीएम, पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करके रोष जाहिर किया। मजबूरन बिना कार्रवाई प्रशासनिक अधिकारियों को वहां से निकलना पड़ा।

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