गोवा फेस्टिवल में सुपवा के फैकल्टी के प्रोजेक्ट की स्क्रीनिंग, बंगाली एक्टर के जीवन पर आधारित है फिल्म

पीएलसी सुपवा के फैकल्टी आफ फिल्म एंड टेलीविजन (एफएफटीवी) ने एक और उपलब्धि सिनेमा जगत में दर्ज कराई है। एफएफटीवी के एक लेक्चरर अभिजीत सरकार के एक स्टूडेंट प्रोजेक्ट अभिजान की गाेवा में होने वाले प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में स्क्रीनिंग हुई है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 11:55 AM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 11:55 AM (IST)
गोवा फेस्टिवल में सुपवा के फैकल्टी के प्रोजेक्ट की स्क्रीनिंग, बंगाली एक्टर के जीवन पर आधारित है फिल्म
आडियोग्राफी विभाग के लेक्चचर अभिजीत ने डाक्यु-ड्रामा फिल्म अभिजान में साउंड एडिटिंग की

जागरण संवाददाता, रोहतक : पंडित लख्मीचंद यूनिवर्सिटी आफ परफोर्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स (पीएलसी सुपवा) के फैकल्टी आफ फिल्म एंड टेलीविजन (एफएफटीवी) ने एक और उपलब्धि सिनेमा जगत में दर्ज कराई है। एफएफटीवी के एक लेक्चरर अभिजीत सरकार के एक स्टूडेंट प्रोजेक्ट अभिजान की गाेवा में होने वाले प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में स्क्रीनिंग हुई है। एफएफटीवी के आडियोग्राफी विभाग में बतौर लेक्चरर कार्यरत अभिजीत सरकार संस्थान के लिए मास कम्युनिकेशन विभाग से पीजी डिग्री कर रहे हैं। इसी दौरान एक स्टूडेंट प्रोजेक्ट के लिए वह अभिजान की टीम से जुड़े।

अभिजीत सरकार ने फिल्म के लिए साउंड डिजाइन किया है। अभिजान 161 मिनट अवधि की डाक्यु-ड्रामा फिल्म है। फेस्टिवल में इसे 26 नवंबर को प्रदर्शित किया गया। बंगाली भाषा की इस फिल्म को परमब्रत चट्टोपाध्याय ने निर्देशित किया है। बंगाली-हिंदी सिनेमा के बड़े कलाकार माने जाने वाले सौमित्र चटर्जी के जीवन पर आधारित फिल्म में अभिजीत सरकार ने बतौर साउंड एडिटर और साउंड इफेक्ट्स इंजीनियर कार्य किया है। कोविड-19 महामारी में लाकडाउन के दौरान उन्हें पीजी डिग्री के लिए प्रोजेक्ट करना था। इसी दौरान वह अभिजान के मेकर्स के संपर्क में आए। यह फिल्म सौमित्र चटर्जी के जीवन काल में किए काम पर आधारित है। इसमें सौमित्रो चैटर्जी की असल आवाज है। इसे पर्दे पर सही तरह से लाना चुनौती भरा कार्य रहा। आनलाइन माध्यम से उन्होंने इंटर्नशिप करते हुए फिल्म का साउंड एडिट किया। फिल्म की स्क्रीनिंग गोवा फेस्टिवल में होने पर संस्थान के अधिकारियों ने भी बधाई दी है।

वर्ष 2014 से संस्थान में कार्यरत

अभिजीत बताते हैं कि वह वर्ष 2014 से संस्थान में बतौर लेक्चरर कार्यरत हैं। इससे पहले फिल्म इंडस्ट्री में साउंड एडिटिंग के प्रोजेक्ट करते रहे हैं। पढ़ाने के दौरान भी उनके इंडस्ट्री से काम आता रहता है। वर्ष 2019 में सुपवा में पहली बार मास कम्युनिकेशन (मीडिया प्रोडक्शन) शुरू हुआ। सुपवा के शिक्षकों भी कोर्स में दाखिला ले सकते थे। हाल ही में उनकी पीजी डिग्री पूरी हुई है।

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