सरस्वती संगीत कॉलेज में कत्थक नृत्य पर कार्यक्रम

शहर के मुल्तानी चौक स्थित सरस्वती संगीत महाविद्यालय में एक दिन की कत्थक नृत्य कार्यशाला का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 06:56 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 06:56 PM (IST)
सरस्वती संगीत कॉलेज में कत्थक नृत्य पर कार्यक्रम
सरस्वती संगीत कॉलेज में कत्थक नृत्य पर कार्यक्रम

जागरण संवाददाता, हिसार: शहर के मुल्तानी चौक स्थित सरस्वती संगीत महाविद्यालय में एक दिन की कत्थक नृत्य कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और तिरंगा फहराने के साथ हुआ। एक दिवसीय कत्थक कार्यशाला नवीन जावड़े ने लगाई जिनका जन्म कत्थक के पारंपरिक परिवार में हुआ।

महाविद्यालय के प्राचार्य अविनाश कौर ने बताया कि नवीन जावडे एक होनहार कत्थक कलाकार हैं और इस कला के प्रति समर्पित हैं। वे दस वषरें से अधिक समय से लगातार कत्थक नृत्य सीखते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि नवीन जावड़े ने अपना राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत नाम कमाया है। अपनी छोटी आयु में उनका अपने कार्य के प्रति रुचि, रुझान और निष्ठा को देखते हुए उन्हें देश और विदेशों में भी सम्मानित किया गया है। उन्होंने बताया कि नवीन जावड़े ने अपने पिता के मार्गदर्शन में 7 वर्ष की आयु में प्रशिक्षण कार्य शुरू किया और बाद में उन्होंने अपना प्रशिक्षण गुरु शिष्य परंपरा के तहत अनुभवी गुरु पंडित राजेंद्र गंगानी से लिया। इस कार्यशाला में बच्चों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। नवीन जावड़े की रुचि और रुझान को देखते हुए बच्चों में भी कत्थक नृत्य के प्रति रूचि देखने को मिली। इस कार्यशाला के समापन के बाद उन्होंने बहुत ही सुंदर प्रस्तुति भी दी। इस दौरान नवीन जावड़े ने कहा कि सरस्वती संगीत महाविद्यालय विद्यार्थियों को ऐसा मंच दे रहा है जिसमें वे अपनी झिझक को दूर कर आत्मविश्वास के साथ हर कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह सरस्वती संगीत महाविद्यालय में कार्यशाला का आयोजन करके बहुत ही प्रसन्न है और उत्साहित है कि भविष्य में आगे चार-5 दिन की कार्यशाला का अवश्य ही आयोजन करेंगे। इस अवसर पर महाविद्यालय के निदेशक जितेंद्र बजाज ने कहा कि हमारा उद्देश्य संगीत और कला की शिक्षा देने के साथ-साथ मंच द्वारा समय-समय पर उपाधियां देना भी है एवं अतिथि कलाकारों द्वारा कला प्रदर्शन आयोजित किए जाते हैं जिसमें विभिन्न शहरों से आए प्रतिष्ठित संगीतज्ञ, वादक, नृत्यकार, कवि तथा चित्रकारों को आमंत्रित किया जाता है जिससे शिक्षा पूर्ण होने के बाद विद्यार्थी अपना मार्ग स्वयं ही चुन सकते हैं। इस अवसर पर मनोज बजाज, नरेश पिगल, त्रिभुवन बक्शी, ललित पिगल, बलराम शर्मा, पारस मणि, संदीप रंगा, सुधीर वर्मा, रॉकी डेन, विकास खटक, अश्वनी कथुरिया, सुमित, पूजा अरोड़ा, निशा चोपड़ा, चांदनी व शैली उपस्थित रहे।

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