संपूर्ण हिदू समाज को संगठित करना चाहते थे डा. आंबेडकर : प्रो. सीताराम व्यास
जागरण संवाददाता हिसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर क्षेत्र के संघचालक प्रो. सीताराम व्
जागरण संवाददाता, हिसार : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर क्षेत्र के संघचालक प्रो. सीताराम व्यास ने कहा है कि डा. भीमराव आंबेडकर समरसता के सच्चे पुरोधा थे। उन्होंने समस्त समाज को समरस बनाने के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया। प्रो. व्यास बुधवार को गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के महाराणा प्रताप स्टेडियम में डा. भीमराव आंबेडकर की जयंती पर आयोजित समरसता कुंभ को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से आयोजित कुंभ के दौरान कोरोना महामारी के ध्यानार्थ शारीरिक दूरी अपनाते हुए स्वयंसेवकों ने योगाभ्यास एवं शारीरिक प्रदर्शन भी किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व आबकारी एवं कराधान आयुक्त तारासिंह तुरकिया रहे।
स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए प्रो. सीताराम व्यास ने कहा कि डा. आंबेडकर किसी एक जाति विशेष के महापुरुष नहीं, बल्कि वे समस्त समाज के आराध्य हैं। उन्होंने हिदू समाज के अन्य महापुरुषों जिनमें मुख्यत: संत गाडगे, महात्मा फूले, संत नामदेव एवं शाहू महाराज के पदचिह्नों पर चलते हुए समग्र समाज का चितन किया। डा. आंबेडकर ने कहा था कि आरएसएस ने हमेशा ही समाज में समरसता के लिए कार्य किया है। प्रो. व्यास ने जोर देकर कहा कि बाबा साहब का सपना तब साकार होगा, जब संपूर्ण हिदू समाज समरस होकर संगठित बनेगा। इस कार्य के लिए डा. आंबेडकर ने अथक प्रयास किए। जिसकी बदौलत आज हिदू समाज समता और ममता का भाव जगाने का कार्य कर रहा है। कार्यक्रम में पूर्व आबकारी एवं कराधान आयुक्त तारासिंह ने कहा कि संघ सामाजिक कार्य के साथ-साथ शारीरिक एवं चरित्र निर्माण की दिशा में भी कार्य करता है। उन्होंने कहा कि जब तक समाज में सामाजिक समरसता नहीं आएगी, तब तक हमें आंबेडकर के विचारों एवं समग्र चितन को आगे बढ़ाना होगा। इस अवसर पर नगर के गणमान्य लोग एवं स्वयंसेवक उपस्थित थे।