आठवीं कक्षा तक स्कूल बंद करने के खिलाफ आज विरोध यात्रा निकालेंगे निजी स्कूल संचालक

हरियाणा सरकार द्वारा आठवीं कक्षा तक के स्‍कूल बंद करने पर सोमवार को सिरसा जिला के करीब साढ़े तीन सौ निजी स्कूल बस यात्रा के जरिए रोष जताएंगे। दोपहर 12 बजे यात्रा पंजुआना से शुरू होगी। लघुसचिवालय पहुंचकर डीसी के जरिए मुख्यमंत्री तथा राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपे जाएंगे।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 11:08 AM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 11:08 AM (IST)
आठवीं कक्षा तक स्कूल बंद करने के खिलाफ आज विरोध यात्रा निकालेंगे निजी स्कूल संचालक
हरियाणा में आठवीं कक्षा तक स्‍कूल बंद करने से प्राइवेट स्‍कूल संचालक आक्रोषित हैं

सिरसा, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों से चिंतित हरियाणा सरकार ने पहली से आठवीं तक के स्कूल बंद करने के आदेश दिए हैं। वहीं आदेशों का निजी स्कूल खुलकर विरोध कर रहे हैं। सोमवार को सिरसा जिला के करीब साढ़े तीन सौ निजी स्कूल बस यात्रा के जरिए रोष जताएंगे। दोपहर 12 बजे यात्रा पंजुआना से शुरू होगी। लघुसचिवालय पहुंचकर डीसी के जरिए मुख्यमंत्री तथा राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपे जाएंगे।

निजी स्कूल एसोसिएशन के प्रधान पंकज सिडाना ने बताया कि एक साल बाद बच्चे स्कूलों में लौटे हैं। हालात हैं कि तीसरी, चौथी जमात में पढऩे वाले बच्चों का अक्षर ज्ञान जीरो हो चुका है। मां-बाप चिंतित है। सरकार ने पुन: स्कूल बंद करवा दिए हैं, इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साफ कहना है कि कोरोना के साथ जीना पड़ेगा, तो हरियाणा सरकार उनको फॉलो क्यों नहीं कर रही।

सिडाना के अनुसार वे सरकार द्वारा तय कोरोना संबंधी मापदंडों का पालन करने के लिए तैयार हैं। सरकार 33 से 50 फीसद बच्चों के साथ स्कूल खोलने की अनुमति दे। ताकि बच्चों को पढ़ाया जा सकें। स्वजन भी सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं। चूंकि ऑनलाइन शिक्षा से बच्चों की आंखों, मस्तिष्क पर विपरीत असर पड़ रहा है। बस रैली में निजी स्कूलों का पूरा स्टॉफ भाग लेने जा रहा है।

बंद होने की कगार पर स्कूल

जिला प्रधान ने बताया कि एक साल निजी स्कूल बंद रहने से 50 फीसद स्टॉफ वेतन से वंचित हो गया। बच्चों की फीस न आने से स्कूल बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं। जब देश भर में अन्य गतिविधियां चालू हैं तो स्कूलों को बंद क्यों करवाया गया है। विद्यालय से ही बच्चे कोरोना से लडऩा सीखेंगे। पढ़ाई-पढ़ाई में बच्चों को कोरोना से जंग जीतने के लिए गतिविधियां सीखाई जाएंगी। जोकि सरकार के लिए लाभदायक है। लेकिन स्कूलों को बंद करके महामारी को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है।

10वीं-12वीं के परीक्षा केंद्रों पर नीति स्पष्ट करे सरकार

पंकज सिडाना के अनुसार सरकार परीक्षा केंद्रों पर नीति स्पष्ट करे। गांव देसूजोधा के बच्चों का 10वीं का परीक्षा केंद्र मांगेआना बनाया गया है, जबकि 12वीं का डबवाली। उसी प्रकार चामल गांव के बच्चों का 10वीं का परीक्षा केंद्र धोत्तड तो 12वीं का शाहपुर बेगू बना दिया गया है। सरकार ने बच्चों को संबंधित गांव में परीक्षा केंद्र नहीं दिए तो वे विरोध करेंगे। उपरोक्त मांगों के संबंध में भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला तथा सिरसा जिलाध्यक्ष आदित्य देवीलाल को मांग पत्र दिया गया है।

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