टीकरी बार्डर : वापसी की तैयारी तो दिखी मगर मोर्चे का फैसला टलने से घर की तरफ नहीं बढे कदम
आंदोलन के बीच से बुधवार को पंजाब के किसानाें की घर वापसी की तैयारी तो दिखी लेकिन मोर्चा की ओर से फैसला वीरवार तक टाल दिए जाने से कदम नहीं उठे। मंच से बार-बार आह्वान होता रहा कि जो संयुक्त मोर्चा फैसला लेगा उसी के अनुसार हमें चलना है।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : कृषि कानूनों को लेकर एक साल से ज्यादा समय से जारी आंदोलन के बीच से बुधवार को पंजाब के किसानाें की घर वापसी की तैयारी तो दिखी, लेकिन मोर्चा की ओर से फैसला वीरवार तक टाल दिए जाने से कदम नहीं उठे। मंच से बार-बार आह्वान होता रहा कि जो संयुक्त मोर्चा फैसला लेगा, उसी के अनुसार हमें चलना है। अब, जबकि सरकार की ओर से मांगों को स्वीकार किया जा चुका है और आंदोलन खत्म होने की संभावना बनी है तब भी मंच से वक्ता सरकार पर बरसते रहे।
हरियाणा के आंदोलनकारियों की ओर से तो अभी सभी मांगों पर पुख्ता रूप से मुहर लगने के बाद ही घर वापसी करने की बात कही जा रही है, लेकिन कानून रद हाेने के बाद से ही पंजाब के किसान अपने आप को मुश्किल से यहां रोके हुए हैं। बुधवार को आंदोलन खत्म होने की उम्मीद तो थी, मगर संयुक्त मोर्चा का फैसला फिर से टल गया। अब जिस तरह से मोर्चा की पांच सदस्यीय कमेटी ने सरकार के प्रस्ताव पर सहमति जताई है और वीरवार की बैठक में फैसला लिए जाने की बात कही है, उससे यह प्रबल संभावना है कि वीरवार को आंदोलनकारियों की दोपहर बाद घर वापसी शुरू हो सकती है।
बुधवार को टीकरी बार्डर पर पंजाब के किसानों ने ट्रैक्टर संभाल लिए। एक पेट्रोल पंप पर डटे आंदोलनकारियों ने ट्रैक्टर से तिरपाल उतारे और दूसरे ट्रैक्टर में सामान लाद लिया। यहां पर तंबू के बाहर महिलाएं भी तमाम बड़े बर्तनाें काे खाली करती नजर आई। यहां से चंद कदम दूर तंबू के बाहर बैठे पंजाब के एक आंदोलनकारी से घर वापसी को लेकर पूछा गया तो वह बोल पड़ा, कल सुबह वाली ट्रेन से चले जाएंगे। कपड़े ले जाएंगे। बाकी तंबू का सामान यहीं छोड़ जाएंगे दान करण वास्ते। असली लड़ाई हमने जीत ली है।