सिरसा सिविल अस्पताल की आधी रात बिजली गुल, बिलखते रहे बच्चे, गुस्साए लोगों ने गेट पर जड़ा ताला

रात डेढ़ बजे बिजली कटी। नवजात बच्चों केा लेकर महिलाएं अस्पताल के प्रांगण में चादरें व गद्दे बिछाकर लेटीं नजर आईं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी सूचना दी परंतु लाइट बहाल नहीं हुई। लोगों ने अस्पताल गेट पर ताला जड़ा। इसके बाद सुबह आठ बजे के बाद जनरेटर चला।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 11:58 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 11:58 AM (IST)
सिरसा सिविल अस्पताल की आधी रात बिजली गुल, बिलखते रहे बच्चे, गुस्साए लोगों ने गेट पर जड़ा ताला
सिरसा सिविल अस्पताल में बिजली कटने के कारण बाहर बैठी महिलाएं और बच्चे।

जागरण संवाददाता, सिरसा। नागरिक अस्पताल में सुबह सवेरे मरीजों के तिमारदारों ने अस्पताल के मुख्य गेट को बंद कर रोष प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी लोगों का कहना था कि रात डेढ़ बजे बिजली आपूर्ति ठप हो गई थी। जिस कारण मरीजों, नवजात बच्चों व प्रसूताओं को परेशानी झेलनी पड़ी।

बच्चों को गर्मी से बचाने के लिए वे रात भर बच्चों को लेकर अस्पताल के बाहर बैठे रहे। नवजात बच्चों केा लेकर महिलाएं अस्पताल के प्रांगण में चादरें व गद्दे बिछाकर लेटी नजर आईं। अस्पताल के अंदर वार्ड में भी घुप्प अंधेरा पसरा हुआ था। गमी्र से बचाव के लिए लोग हाथ से पंखा करते दिखाई दिए। नवजात बच्चों की संभाल कर रही महिलाओं ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी सूचना दी परंतु लाइट बहाल नहीं हुई। सुबह लोगों के द्वारा रोष प्रदर्शन करने पर अस्पताल के कर्मचारियों ने जनरेटर सेट ऑन किया। जिसके बाद करीब साढ़े आठ बजे बिजली आपूर्ति बहाल हुई। जेजे कालोनी चौकी पुलिस भी मौके पर पहुंची तथा प्रदर्शनकारियों को समझा कर गेट खुलवाया।  

लोग बोले- अस्पताल में नहीं कोई सुविधा

प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया कि अस्पताल में कोई सुविधा नहीं है। पिछले दो तीनों बिजली आपूर्ति ठप है। अस्पताल में साफ सफाई भी नहीं है। वहीं अस्पताल के आंगन में बच्चों के साथ बैठी महिलाओं सेनपाल निवासी राजकाैर, गुडियाखेड़ा निवासी मनप्रीत, अलीकां निवासी शनो, धिंगतानिया निवासी सुमन, विमला, गगनदीप निवासी डबवाली, बुढ़ीमेढ़ी निवासी वीरो, कालोदेवी, कुक्कड़थाना निवासी रमा ने बताया कि रात को अस्तपाल में बिजली न होने के कारण बच्चों को गर्मी से बचाने के लिए रात से ही बाहर बैठे हैं। अंदर कोई सहुलियत नहीं है। अस्पताल में गंदगी से भी बुरा हाल हैं। सांस भी नहीं लिया जा सकता। अस्पताल में पीने का पानी भी नहीं है। 

कई बार अधिकारियों को कहा, नहीं सुनी

प्रदर्शन कर रहे लोगों जगतार सिंह, खुशप्रीत सिंह, कालांवाली निवासी मलकीत, भाल सिंह ने बताया कि अस्पताल में रात डेढ़ बजे से ही लाइट नहीं थी। प्रसूता महिलाएं वार्ड में ही लेटी रहीं और उनके स्वजन उन्हें हाथ से पंखा कर रहे हैं। वहीं कई महिलाएं नवजात बच्चों को लेकर बाहर बैठी रहीं। अनेक बार अधिकारियों को भी कह दिया परंतु वे भी सुनवाई नहीं कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ट्रोमा सेंटर में बिजली आपूर्ति है जबकि  जच्चा बच्चा वार्ड में रात से ही लाइट नहीं है। 

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