भिवानी में चार रजवाहों में बिछेंगी पाइपलाइन, नहीं होगी पानी की चोरी, 10 हजार एकड़ में लहलहाएंगी फसलें

करीब 10 करोड़ रुपये की लागत से पाइपलाइन बिछाई जा रही है। दिनोद टिटानी नकटां माइनर और छपार माइनर में पाइपलाइन बिछाई जा रही है। पाइपलाइन डलने के बाद टेल तक पानी पहुंचेगा। फसलों की सिंचाई आसानी से हो सकेगी।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 02:40 PM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 02:40 PM (IST)
भिवानी में चार रजवाहों में बिछेंगी पाइपलाइन, नहीं होगी पानी की चोरी, 10 हजार एकड़ में लहलहाएंगी फसलें
इन चार माइनरों में टेल तक पानी पहुंचेगा। करीब 10 हजार एकड़ कृषि भूमि में सिंचाई हो सकेगी।

भिवानी [सुरेश मेहरा]। किसानों की आय दोगुनी हो। उनके खेतों में अच्छी तरह से सिंचाई हो। इसके लिए टेल तक पानी पहुंचाने के लिए सरकार जोर-शोर से काम कर रही है। भिवानी की बात करें तो माइनर तैयार की जा रही हैं। चार माइनरों में पाइपलाइन बिछाने का काम तेजी से चल रहा है। करीब 10 करोड़ रुपये की लागत से पाइपलाइन बिछाई जा रही है। इससे फायदा यह होगा कि 10 हजार एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि में फसलें लहलहाती नजर आएंगी। 

माइनरों में पाइपलाइन बिछाने का काम फिलहाल दिनोद, टिटानी, नकटां माइनर और छपार माइनर में चल रहा है। 10 करोड़ रुपये की लागत से पाइपलाइन डाली जा रही है। इन चार माइनरों में टेल तक पानी पहुंचने से 10 हजार एकड़ कृषि भूमि में फसल लहलहाती नजर आएगी। 

इन माइनरों में चल रहा पाइप डालने का काम 

दिनोद माइनर।  टिटानी माइनर।  नकटां माइनर  छपार सब माइनर। 

माइनरों पर इस प्रकार होगा खर्च 

देवसर दिनोद माइनर में पाइप लाइन बिछाने के लिए करीब सवा तीन करोड़ रुपये खर्च होंगे।  टिटानी माइनर में लाइन बिछाने के लिए करीब सवार तीन करोड़ रुपये खर्च होंगे।  नकटां माइनर पर पाइप बिछाने के लिए एक करोड़ 70 लाख रुपये खर्च आएगा।  छपार सब माइनर में लाइन बिछाने के लिए सवा करोड़ से ज्यादा की लागत आएगी। 

 इन चार माइनरों से 10 हजार एकड़ कृषि भूमि की होगी सिंचाई  देवसर दिनोद माइनर के तहत आने वाले गांवों में करीब तीन हजार एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि है।  टिटानी माइनर के तहत गांव टिटानी, भानगढ़, लेघां आदि गांवों की साढ़े चार से पांच हजार एकड़ कृषि भूमि है।  नकटां माइनर के तहत आने वाले गांवों में करीब डेढ़ से दो हजार एकड़ कृषि भूमि की सिंचाई होगी।  छपार सब माइनर के तहत 12 सौ से 15 सौ एकड़ कृषि भूमि आती है जिसकी सिंचाई हो सकेगी। 

पाइप लाइन डालने से भूजल स्तर नहीं होगा कम 

प्रत्येक 500 फुट पर एक होदी बनाई जाएगी।  प्रत्येक मोरी पर भी आउटलेट चैंबर बनाया जाएगा।  खेतों में पानी खुले नालों के माध्यम से चलेगा।  इसलिए भूजल रिचार्ज होता रहेगा। 

माइनरों में पाइप लाइन के लिए किसानों ने किया आंदोलन 

माइनरों में पाइपलाइन डालने के लिए किसानों के आंदोलन चले। किसान क्रांति कुणबा किसान संगठन के बैनर तले वर्ष 2019 में गांव ढाणी माहू में किसान आंदोलन चला। साथ ही यह भी बताया गया कि इससे नहरी पानी की चोरी रुकेगी। किसानों का आंदोलन रंग लाया और माइनरों में पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू हो गया। उधर किसानों के एक पक्ष ने पाइपलाइन डालने का विरोध किया और दुहाई दी कि पाइपलाइन बिछाने से भूमि का जल स्तर नीचे चला जाएगा। माइनरों के आसपास लगे सबमर्सिबल का पानी सूख जाएगा। इससे यहां आस पास बसने वाले लोगों को पीने के लिए पानी तक नहीं मिलेगा। इसे लेकर सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने समझाया है कि भू जल स्तर नीचे नहीं जाएगा। 

माइनरों में पाइपलाइन बिछाने का काम चल रहा है 

सिंचाई विभाग के अभियंता मनीष छिकारा ने बताया कि दिनोद, टिटानी, नकटां माइनर के अलावा छपार सब माइनर में पाइप लाइन बिछाने का काम तेजी से चल रहा है। जल्द ही यह कार्य पूरा हो जाएगा। पाइपलाइन डलने के बाद टेल तक पानी पहुंचेगा। फसलों की सिंचाई आसानी से हो सकेगी। 

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