एचएयू को आखिरकार मिला स्थाई कुलपति, कुलसचिव डा. बीआर कंबोज बने नए कुलपति

जागरण संवाददाता हिसार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय को आखिरकार स्थाई कु

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 05:17 AM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 05:17 AM (IST)
एचएयू को आखिरकार मिला स्थाई कुलपति, कुलसचिव डा. बीआर कंबोज बने नए कुलपति
एचएयू को आखिरकार मिला स्थाई कुलपति, कुलसचिव डा. बीआर कंबोज बने नए कुलपति

जागरण संवाददाता, हिसार : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय को आखिरकार स्थाई कुलपति मिल गए हैं। विश्वविद्यालय बोर्ड की बैठक में शुक्रवार कुलपति पद की जिम्मेदारी डा. बीआर कंबोज को दी गई है। इससे पहले वह एचएयू में ही कुलसचिव पद का निर्वहन कर रहे थे। डा. कंबोज इसी विश्वविद्यालय के विद्यार्थी रहे हैं और कुलसचिव बनने से पहले वे विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र यमुनानगर में वरिष्ठ संयोजक रह चुके हैं। वह एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के विज्ञानी हैं। उनके बहुत से शोधपत्र अंतरराष्ट्रीय स्तर के जर्नल में प्रकाशित हुए हैं। गौरतलब है कि पिछले नौ महीने से महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय करनाल के कुलपति प्रोफसर समर सिंह को हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा हुआ था। प्रोफेसर समर सिंह ने 16 जुलाई को कार्यभार संभाला था।

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मूल रूप से ग्रामीण अंचल से रखते हैं संबंध

मूल रूप से करनाल जिले के दाहा गांव के रहने वाले डा. बलदेव राज कंबोज ने प्रारंभिक शिक्षा राजकीय उच्च विद्यालय संघोहा जिला करनाल से पूरी की। डा. कंबोज शुरू से ही प्रतिभा के धनी रहे हैं और अपनी शैक्षणिक परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। इसके बाद चौधरी चरण सिह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार से ही स्नात्तक, स्नातकोत्तर और पीएचडी की डिग्री हासिल की। डा. कंबोज को अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट सीआइएमएमवाईटी-आइआरआरआइ-सीएसआइएसए में हरियाणा की ओर से तीन साल का हब कोर्डिनेटर (सीनियर रिसर्च मैनेजर) का अनुभव भी है। डा. कंबोज को 26 वर्ष से भी अधिक का अध्यापन, अनुसंधान और विस्तार शिक्षा की गतिविधियों का अनुभव भी है। इसमें 11 साल से भी अधिक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर का अनुभव शामिल है। इनके पूरे सेवाकाल में विस्तार शिक्षा की गतिविधियों का अनुभव इनका सबसे ज्यादा है। वह किसानों की आम समस्याओं, उनकी जरूरतों और उनके आर्थिक-सामाजिक स्तर से अच्छी तरह से वाकिफ हैं। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के साथ सामूहिक रूप से अनुसंधान कार्य और विस्तार गतिविधियों के चलते उनके द्वारा की गई सिफारिशों को विश्वविद्यालय की समग्र सिफारिशों में शामिल किया गया है।

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