कोरोना के कारण नए मनो रोग का शिकार हो रहे लोग, हरियाणा में नुरोसिस के मिल रहे लक्षण
हरियाणा में अब काेरोना संक्रमण के कारण नए मनोरोग ने लोगों को शिकार बनाना शुरू कर दिया है। कोरोना के कारण लोग इस मनोरोग नुरोसिस का शिकार हो रहे हैं। ऐसे लोग कोरोना टेस्ट नेगेटिव आने के बाद भी बार-बार जांच करवाते हैं।
हिसार, [चेतन सिंह]। coronavirus side effects after recovery: हरियाणा में कोरोना संक्रमण के कारण नया मनोरोग लोगों काे शिकार बना रहा है। राज्य में काफी संख्या में लोग इसके लक्षणाें के शिकार हो रहे हैं। वस्तुत: यह अवसाद की स्थिति है और एकांतवास के कारण लोग इससे प्रभावित हाे रहे हैं। यदि आपकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव है और फिर भी आप बार-बार कोरोना टेस्ट करवा रहे हैं तो आप नुरोसिस के शिकार हैं।
कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी बार-बार टेस्ट करवाना नुरोसिस के लक्षण
ऐसे कई मरीज आजकल मनोचिकित्सकों के पास पहुंच रहे हैं। इसमें 20 से लेकर 60 वर्ष तक के लोग हैं। इनमें महिलाओं की संख्या अधिक है। होम क्वांटाइन वाले मरीजों के परिवार के लोगों में इस तरह के केस ज्यादा मिल रहे हैं। चिकित्सकों के अनुसार यह मानसिक बीमारी है और इसे नुरोसिस कहा जाता है।
इसमें मरीज पहले तनाव में आता है फिर अवसाद चला जाता है और कई बार तो अवसाद इतना बढ़ जाता है कि आत्महत्या के विचार आने लगते हैं। यदि घर में या आसपास इस तरह का कोई मरीज दिखे तो तुरंत मनोचिकित्सक से इलाज की सलाह देनी चाहिए।
कोरोना में एकांतवास के कारण अवसाद के केस बढ़े, मनोचिकित्सकों के पास रोजाना आ रहे केस
हिसार की ख्यातिलब्ध मनोचिकित्सक डा. अदिति पोपली कहती हैं कि कोरोना के कारण नुरोसिस और साइकोसिस के मरीज प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। रोजाना 25 से 30 लोग इसी रोग के आ रहे हैं। ऐसे में तत्काल मनोचिकित्सक का परामर्श लेना चाहिए। वह परामर्श देती हैं कि इस रोग से बचाव के लिए अपने आपको व्यस्त करने की कोशिश करनी चाहिए। सुबह-शाम योग व प्राणायम करना चाहिए। जिसमें आपकी अभिरुचि है, उसे करें और खुद को व्यस्त रखें, मस्त रहें।
होम क्वारंटाइन में रहने वालों के सामने भी आ रही समस्या, सोचते हैं- कहीं मेरे खिलाफ साजिश तो नहीं हो रही
मनोचिकित्सकों के पास दूसरे जो सबसे ज्यादा मरीज आ रहे हैं वह साइकोसिस से पीडि़त हैं। इस बीमारी का लक्षण है बेवजह शक करना, वहम करना। इसमें मरीजों को ऐसा लगता है कि लोग उनके खिलाफ साजिश कर रहे हैं। कोरोना के कारण ऐसे कई मरीज हैं जो दिनभर यही सोचते हैं कि लोग उनके खिलाफ साजिश कर रहे हैं। चाहे कोई व्यक्ति उनका भला कर रहा तो वह उसे नकारात्मक नजरिये से ही देखते हैं।
परिवार वाले रखें ध्यान
- मरीज को अपनेपन का अहसास करवाएं।
- मरीज क्वांरटाइन है तो भी उससे फोन पर बातचीत करते रहें।
- मरीज को सुबह शाम योग-अभ्यास करने के लिए प्रेरित करें।
- उससे सकरात्मक और प्रेरक घटनाएं कथाएं से साझा करें। नकारात्मक बातें न करें।
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