कोरोना काल में जमकर बिकी शराब, फतेहाबाद में 118 करोड़ की शराब पी गए लोग, सरकार का भरा खजाना
फतेहाबाद में कोरोना काल में जमकर शराब बिक्री हुई। फतेहाबाद में शराबी 1 करोड़ 54 लाख बोतल पी गए। अब तक 118 करोड़ का राजस्व मिला है। अभी सवा महीने बाकी हैं। इनमें 14 करोड़ और मिलने की उम्मीद है। जिले में पहली बार शराब से इतना राजस्व मिला है।
फतेहाबाद, जेएनएन। कोरोना के आए करीब एक साल से अधिक वक्त गुजर गए। इस दौरान जिंदगी लॉक और अनलॉक होती रही। कुछ रूटीन के काम रुके तो कुछ चलते रहे। लालपरी अर्थात शराब का नाच भी रुका नहीं। कोरोना जैसी आफत की घड़ी में भी लोगों ने शराब के जाम का भरपूर लुत्फ उठाया। बंद कमरों में जिले के लोग करीब डेढ़ करोड़ से अधिक की शराब गटक गए। सरकार का खजाना भी भरता रहा।
दरअसल, कोरोना काल में खूब शराब की बिक्री हुई। सरकार की नीतियों व सख्ती की वजह से सरकार को करोड़ों रुपये की आय शराब से हुई। फतेहाबाद जिले के गठन के बाद पहली बार 118 करोड़ मूल्य की शराब लाेग पी गए। करीब 1 करोड़ 54 लाख 48 हजार बोतल देसी, अंग्रेजी व बीयर पी गए। आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 19 मई तक शराब के पुराने ठेके रहेंगे। ऐसे में 14 करोड़ की आय और होने की उम्मीद है। ऐसे में 132 करोड़ रुपये के करीब एक वित्त वर्ष में सरकार को राजस्व मिलेगा। यह राजस्व कराधान विभाग से मिले राजस्व से सवा दो गुना अधिक है। कराधान विभाग को महज 50 करोड़ रुपये के करीब राजस्व मिला है।
ठेके बंद होने के बावजूद बिकी शराब
गत वर्ष कोरोना काल की शुरुआत में सरकार ने शराब ठेके बंद कर दिए थे। बंद शराब ठेके होने के बाद भी शराब के गोदाम संचालक एल 1 व एल 13 से बड़ी संख्या में शराब बिकी। बाद में जांच में घोटाला सामने आया। सरकार ने भी गड़बड़ी मिलने के बाद सख्ती कर दी। अब फैक्ट्री से शराब गोदाम तक शराब तभी आएगी, जब पक्का बिल होगा। पहले कच्चे बिल के आधार पर गाड़ियों के सप्लाई होती थीं। इससे गड़बड़ी होती थी। लेकिन अब काफी हद तक बंद हो गई।
शराब ठेकों से सरकार को इस तरह होती है आय
प्रदेश सरकार शराब ठेका खोलने के लिए टेंडर जारी करती है। अब फतेहाबाद जिले में 49 शराब के जोन हैं। हर जोन में दो ठेके हैं। इनसे गत वर्ष सरकार को करीब 70 करोड़ रुपये की आय हुई। वहीं प्रत्येक अंग्रेजी की पेटी पर 405 रुपये टैक्स है। इसी तरह देशी शराब पेटी पर 135 रुपये। सरकार ने कोरोना सेस भी लगाया था। जो अंग्रेजी शराब की बोतल पर 20 रुपये व देसी पर 5 रुपये है। इसके अलावा आबकारी विभाग ठेके की मंजूरी देने, अहाते, बार, घर के साथ वैवाहिक कार्यक्रम में पीने की मंजूरी देने पर अतिरिक्त फीस वसूलता है।
गत वर्ष स्टाफ के अभाव में 75 करोड़ रुपये हुई आय
गत वित्त वर्ष में जिले में शराब से सभी प्रकार की आय 75 करोड़ रुपये हुई। अंतिम चार महीने में जिले में न तो आबकारी विभाग में इंस्पेक्टर थे न ही ईटीओ। ऐसे में राजस्व एकत्रित नहीं हो पाया। शराब ठेकेदारों को समय पर पास भी जारी नहीं हुए। ऐसे में शराब ठेकेदारों को भी नुकसान हुआ और सरकार को भी। इस बार आबकारी विभाग के 2 इंस्पेक्टर व दो ईटीओ कार्यरत है। उन्होंने अपनी डीईटीसी वीके शास्त्री के साथ मिलकर बेहतरीन कार्य किया।
शराब के प्रकार बिकीं बोतलें
देसी 12607308
अंग्रेजी 1263288
बीयर 1578180
गत तीन वर्षों में हुई शराब से आय
वर्ष शराब से आय
2018-19 92 करोड़ 5्र0 लाख
2019-20 75 करोड़ 35 लाख
2020-21 अब तक 118 करोड़ 35 लाख
इस वजह से मिला इतना राजस्व
आबकारी एवं कराधान विभाग के उप आबकारी आयुक्त वीके शास्त्री ने बतया कि जिले में इस बार रिकॉर्ड 118 करोड़ 38 लाख रुपये की अब तक शराब से आय हुई। आगामी सवा महीने में यह आय बढ़कर 132 करोड़ तक पहुंच जाएगी। इस बार अधिक राजस्व मिलने की वजह प्रदेश सरकार की नीति के साथ आबकारी विभाग के अधिकारियों व स्टाफ ने बेहतरीन कार्य किया है। जिला आबकारी विभाग में दो ईटीओ व दो इंस्पेक्टर लगातार कार्य करते हुए सरकार के राजस्व बढ़ाया है।
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