टीकरी बॉर्डर सील होने से दिल्ली में जाने के लिए लोगों ने प्लाट की दीवार तोड़ बनाया रास्ता

बहादुरगढ़ में एक प्लाट की दीवार तोड़कर लोगों ने रास्ता बना लिया है। यहां से दिल्ली में पैदल आवागमन तो हो रहा है मगर पूरे औद्योगिक क्षेत्र को पार करने के लिए भी लोगों को दो किलोमीटर से ज्यादा का पैदल सफर करना पड़ रहा है। लोग परेशान हैं

By Manoj KumarEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 01:56 PM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 01:56 PM (IST)
टीकरी बॉर्डर सील होने से दिल्ली में जाने के लिए लोगों ने प्लाट की दीवार तोड़ बनाया रास्ता
किसानों के आंदोलन के कारण लोग दिल्‍ली में आवागमन नहीं कर पा रहे हैं

बहादुरगढ़, जेएनएन।  टीकरी बॉर्डर पर सड़क से सीधा रास्ता पैदल राहगीरों के लिए भी बंद है। ऐसे में साथ लगती कालोनी के एक प्लाट की दीवार तोड़कर लोगों ने रास्ता बना लिया है। यहां से दिल्ली में पैदल आवागमन तो हो रहा है, मगर पूरे औद्योगिक क्षेत्र को पार करने के लिए भी लोगों को दो किलोमीटर से ज्यादा का पैदल सफर करना पड़ रहा है। ऐसे में लोग परेशान हैं। मंगलवार को यहां से पुरुष ही नहीं महिलाएं और बच्चे भी निकलते दिखे। हर कोई इससे परेशान भी था। उनके पास दूसरा कोई रास्ता नहीं। बॉर्डर तक वाहन नहीं पहुंच पा रहे हैं।

भाई कती दुखी होग्ये

झज्जर के गांव महराणा से महिला रामरती बच्चों को लेकर दिल्ली के घेवरा जाने के लिए निकली थीं। बस स्टैंड तक तो वाहन से पहुंच गईं, मगर उसके बाद पैदल ही सफर करना पड़ा। बॉर्डर पर पहुंचने के बाद जब कालोनी के अंदर से निकलना पड़ा तो महिला और बच्चे परेशान थे। कई बार सामान सड़क पर रखकर सुस्ताए फिर आगे बढ़े। बॉर्डर पर पहुंचकर महिला बोली...भाई कती दुखी होगे।

बंद है काम

दिल्ली में बॉर्डर के पास स्थित कालोनी में रह रहे कामगार परिवारों में से ज्यादातर इस आंदोलन के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं। ये भी इसी तरह बहादुरगढ़ में आ रहे हैं। इनका कामधंधा बंद हैं। यहां पर करीब ढाई हजार उद्योग हैं। यहां पर रह रहे मनोज झा ने बताया कि एक तो व्यावसायिक कार्यालय तो ऐसे हैं जिसके दोनों ओर फिलहाल बैरिकेङ्क्षडग है। इसी तरह उद्योगों में न तो माल आ रहा है और न ही जा रहा है। इसलिए उत्पादन भी ठप है। जब यह आंदोलन खत्म होगा तभी काम चलेगा।

chat bot
आपका साथी