बेसहारा पशुओं के आतंक से लोग परेशान
नारनौंद कस्बे को कैटल फ्री करने का सपना केवल कागजातों तक ही सिमट कर
संवाद सहयोगी, नारनौंद : कस्बे को कैटल फ्री करने का सपना केवल कागजातों तक ही सिमट कर रह गई हैं। इन बेसहारा पशुओं को पकड़ने के लिए प्रशासन ने आज तक कोई कदम नहीं उठाया। जिसके कारण ये पशु सारा दिन सड़कों पर अपना कब्जा जमाए रहते हैं। नारनौंद के सरकारी अस्पताल पर भी बेसहारा पशुओं ने अपना कब्जा कर रखा है। ऐसे में आए दिन अस्पताल के स्टाफ व मरीज इनकी चपेट में आकर चोटिल हो चुके हैं। मरीजों ने बताया कि पशु सारा दिन अस्पताल के आस पास ही घूमते रहते हैं। हमेशा अस्पताल के मुख्य द्वार पर इनका जमावड़ा लगा रहता है। देसी सांडों की तुलना में अन्य किस्म के सांड अधिक खतरनाक व झगड़ालू होते हैं। अक्सर इनके झगड़े में अस्पताल के स्टाफ व मरीज इनकी चपेट में आकर चोटिल हो रहे हैं।
लोगों ने कहा कि सरकार व प्रशासन ने गांव व शहरों को कैटल फ्री करने की योजना तैयार की थी। लेकिन नारनौंद में ये योजना सिर्फ कागजी कार्यवाही तक ही रह गई है। प्रशासन व सरकार ने इस बारे में कोई कदम नहीं उठाया। जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। लोगों ने बताया कि प्रशासन से शिकायत करने के बावजूद भी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।