हिसार में पीसीबी ने भेजे अंग्रेजी में नोटिस, स्वर्णकार बोले हिंदी में भेजो, हम तब देंगे जवाब
हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने अंग्रेजी भाषा में नोटिस थमा दिए। अधिकांश स्वर्णकारों के नोटिस समझ में नहीं आया तो उन्होंने भारतीय स्वर्णकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष छत्तर पाल सोनी के माध्यम हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) को उल्टा पत्र भेज दिया है
हिसार [पवन सिरोवा] सरकारी के आदेश के बावजूद अधिकांश विभागों में अभी भी अंग्रेजी भाषा में पत्राचार किया जा रहा है। यही कारण है कि कई लोग विभाग का नोटिस आए या कोई आदेश, इसको लेकर जानकारों के पास दौड़ लगाते हुए दिख रहे हैं। ऐसा ही एक मामला भारतीय स्वर्णकार संघ के साथ भी हुआ है। जिसमें हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने अंग्रेजी भाषा में नोटिस थमा दिए। अधिकांश स्वर्णकारों के नोटिस समझ में नहीं आया तो उन्होंने भारतीय स्वर्णकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष छत्तर पाल सोनी के माध्यम हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) को उल्टा पत्र भेज दिया है कि हिंदी में पत्राचार करने की कृपया करें ताकि हम नोटिस का उचित जवाब दे सके।
ये है मामला
पर्यावरण का कचरा करने वालों पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने जैसे ही सख्ती दिखाई तो हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने हिसार, सिरसा, और फतेहाबाद के 170 स्वर्णकारों को नोटिस भेजने की कागजी कार्रवाई शुरु की। पर्यावरण सरंक्षण के लिए उठाए गए इस कदम में पीसीबी ने स्वर्णकारों को जो नोटिस भेजे सभी नोटिस अंग्रेजी भाषा में हैं। जिनके अधिकांश स्वर्णकार उचित जवाब नहीं दे पा रहे हैं। जिसमें आभूषण बनाने वालों से लेकर रिटेलर तक शामिल हैं। जबकि पीसीबी ने स्वर्णकार से यह भी जानकारी मांगी है कि ज्वेलर्स कौन-कौन सा केमिकल्स का प्रयोग करते हैं। केमिकल्स का कितनी मात्रा में प्रयोग करते हैं और केमिकल्स के बचे अवशेष का निपटान कैसे करते हैं। इन सभी सवालों के साथ पीसीबी ने स्वर्णकारों से नोटिस का 15 दिन में जवाब तलब किया है। साथ ही चेताया भी है कि यदि ज्वेलर्स पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते पाए गए तो उनके खिलाफ पीसीबी नियमानुसार कार्रवाई करेगा। नोटिस में स्वर्णकारों को दिशा निर्देश भी जारी किए गए है।
इन अधिनियम की धाराओं के तहत भेजे नोटिस
- पानी (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 की धारा 33-ए
- वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 की धारा 31-ए
- पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की अंडर सेक्टर-5
- ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन एवं निपटान) नियम 2016
मुख्यालय से जो पत्र आए उन्हें केवल आगे भेजने का काम कर रहे जिले में बैठे अफसर
भारतीय स्वर्णकार संघ की मानें तो सरकारी तंत्र की हालत ये है कि अफसर फिल्ड में आने की बजाए दफ्तरों से ही कागजी औपचारिकताएं कर रहे हैं। वह औपचारिकता भी ऐसी की मुख्यालय से कोई पत्र आ गया तो उसको आगे भेज देते हैं। जबकि लोगों के बीच में जाकर उसके बारे में उन्हें समझाना व जागरुक करना भी उनकी जिम्मेदारी है लेकिन जिम्मेदारी पूरी करने के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है। सरकार इस पर संज्ञान ले और व्यापारियों को नोटिस भेजने के बदले पहले जागरुक करें, ताकि व्यवस्था से कार्य हो सके।
विद्यार्थी भी मांग रहे हिंदी में जानकारी
सरकारी पत्रों को पढ़ने में आमजन से लेकर विद्यार्थियों तक को दिक्कतें आ रही हैं। ऐसे में अग्रसेन कॉलोनी निवासी रविंद्र बिश्नोई ने सरकारी विभाग से सरकार के उस पत्र की प्रति मांगी जिसमें हिंदी में कार्य करने के आदेश दिए हुए हैं। पत्र के अनुसार 8 जून 2016 और इसके बाद 1 फरवरी 2018 को पत्र जारी किए। साल 2018 में मुख्य सचिव हरियाणा सरकार की ओर से प्रदेश के सभी विभागध्यक्षों, मंडल आयुक्त, रजिस्ट्रार, सभी जिला एवं सत्र न्यायाधीश, बोर्डों व निगमों के निर्देशकों और हरियाणा के सभी विश्वविद्यालयों को हिंदी में पत्राचार करने के आदेश दिए हैं। बीएमसी की छात्रा रीतू सांगवान और राधिका ने कहा कि राष्ट्रीय भाषा हिंदी में फार्म, आवेदन व अन्य जानकारी सार्वजनिक होनी चाहिए। इससे आमजन को बड़े स्तर पर लाभ हाेगा। वे जागरुक होंगे।
-----स्वर्णकारों को पीसीबी का नोटिस आया है। जो अंग्रेजी में था। उन्हें लिखा है कि नोटिस हिंदी में भेजे ताकि हम उसे समझ सके और हिंदी में उसका उचित जवाब दे सके। साथ ही हमारी मांग है कि पीसीबी नोटिस से पहले जागरुक करें ।
- छतरपाल सोनी, प्रदेशाध्यक्ष, भारतीय स्वर्णकार संघ।
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